ब्रेकिंग न्यूज़

निकाय चुनाव- विपक्ष के लिए चेतावनी, मोदी के चक्रव्यूह एजेन्डे में फंसा विपक्ष

6 of 6
निकाय चुनाव- विपक्ष के लिए चेतावनी, मोदी के चक्रव्यूह एजेन्डे में फंसा विपक्ष

आपका स्लाइडशो खत्म हो गया है

स्लाइडशो दोबारा देखें

विपक्षी दल भाजपा और मोदी के चुनावी जाल में फंसते जा रहे है। वर्ष 2014 में भाजपा ने भ्रष्टाचार और विकास को मुद्दा बनाया। इसके पूर्व 2012 से ही भाजपा हिन्दू समाज के अन्य दलित एवं पिछड़े वर्ग को जोड़ने का अभियान चलाया जो अभी तक राजनीतिक रूप से अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। यही कारण है कि अति दलित एवं अति पिछड़े वर्ग के दूसरे दलों के नेता भारी संख्या में भाजपा में शामिल हुए। इस सामाजिक ताने-बाने का भाजपा को लाभ मिला और 2014 के लोकसभा तथा 2017 के यूपी विधानसभा के चुनाव ने यह साबित कर दिया कि मुस्लिम वोटों के बगैर भी भारी बहुमत की सरकार बन सकती है। इसके बाद मोदी सरकार का मुस्लिम के महिला वर्ग को अपने पक्ष में मोटिवेट करने का तरीका भी कारगर हो रहा है। मोदी की इस काट का विपक्ष के पास मात्र यही विकल्प रह गया है कि वह एकजुट होकर ही अपना अस्तित्व बचा सकते है अन्यथा बिखरे दाने साबित होगे।