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चुनावी स्टन्ट - राम मंदिर समझौते का नाट्य

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चुनावी स्टन्ट - राम मंदिर समझौते का नाट्य

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योगी का धर्मतंत्र --- उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में विपक्ष से भाजपा को वाक ओवर मिलने के बाद भी घबड़ाये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने चुनावी प्रचार की शुरूआत अयोध्या से कर रहे है। यह योगी की आस्था कही जा सकती है परन्तु क्या प्रशासन आस्था से चलेगा और जनकल्याण तथा विकास की सारी योजनाएं राम के ही भरोसे छोड़ दी जायेगी। सरकारी आकडों के ही अनुसार जब देश में आम वस्तुओं की महंगाई आसमान छू रही है, तो प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए है। किसी निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री इतनी जनसभाए करे, यह अभी तक नही हुआ। भाजपा नेतृत्व ने योगी के ऐसे मुकाम पर ला खड़ा किया है कि जीत तो मोदी की और हार तो योगी की। यही वजह है कि योगी निकाय चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का विषय बनाकर किसी भी तरह से जीत हासिल करने को प्रतिबद्ध है। योगी की बड़ी जनसभाओं में अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, मथुरा सबसे प्राथमिकता में है। हालांकि यहां के प्रत्याशियों के चयन में योगी की कोई राय नही ली गयी और इसे संगठन का विषय बना दिया गया। प्रत्याशी चयन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से ज्यादा महामंत्री संगठन सुनील बंसल की ही चली। भाजपा में अप्रत्यक्ष रूप से सुनील बंसल ही कमान संभाले हुए है।