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चुनावी स्टन्ट - राम मंदिर समझौते का नाट्य

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चुनावी स्टन्ट - राम मंदिर समझौते का नाट्य

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शिवभक्त राहुल --- चुनावी माहौल में अब हर नेता धार्मिक आडम्बर का चोला पहनने को विवश होने लगा है। इसके पीछे राम के सहारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बढ़ती सफलता से अब विपक्षी भी उन्ही की शरण में जाने को विवश हो रहे है। नये हिन्दू धार्मिक के रूप में उभार कांग्रेसी उत्तराधिकारी राहुल गांधी का है। गुजरात विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोकने और नये सहयोगी बनाने में व्यस्त राहुल को जब इस रणनीति से भी जीत का सपना पूरा होते नही दिखा तो उनके रणनीतिकारों ने उन्हे शिवभक्त बनने को विवश कर दिया। अच्छा हुआ कि राहुल ने अपने को राम भक्त न कहकर शिवभक्त कह दिया। अन्यथा राम का नाम लेते ही उनसे मुस्लिम नाराज हो जाता है परन्तु गुजराज में मुस्लिम को कांग्रेस के साथ जाने के अलावा अन्य कोई विकल्प भी नही है। इसी से बचने के लिए राहुल के रणनीतिकारों ने उन्हे शिव भक्त बना दिया। राहुल के शिव भक्त बनने के बाद अब चर्चा यह शुरू हो गयी है कि अयोध्या के राम मंदिर से सत्ता का स्वाद चखने वाली भाजपा का जवाब देने के लिए क्या अब कांग्रेस काशी में शिव मंदिर का उद्धार करायेगी।