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वामपंथ का अवसान-जमीनी हकीकत से दूर बौद्धिक बहस में ही सिमटा

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वामपंथ का अवसान-जमीनी हकीकत से दूर बौद्धिक बहस में ही सिमटा

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उत्तर प्रदेश की राजनीति में देश में हुए दूसरे आम चुनाव में वामपंथियों ने विधानसभा में प्रवेश किया। पहले चुनाव में वामपंथी चुनावी तैयारियों में अपने को तैयार नही कर पाये थे। वर्ष 1957 के विधानसभा चुनाव में मोहम्मदाबाद (गाजीपुर) से सरयू पाण्डेय, गाजीपुर से पब्बर राम, कोलसला (वाराणसी) से ऊदल सहित ९ सदस्यों ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की आधारशिला रखी तो घोसी (तत्कालीन आजमगढ़) से आरएसपी से झारखंडे राय ने भी अपनी बुनियाद रखी। ये जितने वाले भी विधायक अत्यन्त पिछड़े क्षेत्रों का ही प्रतिनिधित्व करते रहे। दो दशक तक इन वामपंथी नेताओं का अपने क्षेत्रों में बर्चस्व रहा। सरयू पाण्डेय तथा झारखंडे राय ने लोकसभा का भी प्रतिनिधित्व किया।