यूरीड मीडिया- बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से महज कुछ घंटे शेष रह गए हैं, लेकिन राजनीतिक हलचल थमने का नाम नहीं ले रही। सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। कांग्रेस ने एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि दिल्ली से आए लोग अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। पार्टी के प्रवक्ताओं ने यहां तक कहा कि एक उपमुख्यमंत्री ने अपना बोरिया-बिस्तर बांधना शुरू कर दिया है। तेजस्वी यादव ने भी एनडीए पर तीखे हमले करते हुए चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया और पूछा कि सुरक्षा बलों की सभी कंपनियां केवल भाजपा शासित राज्यों से ही क्यों मंगाई गईं।
वहीं एनडीए की ओर से रवि शंकर प्रसाद ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह महागठबंधन की निराशा है, जिसने अपनी हार पहले से ही स्वीकार कर ली है। लेकिन इन गंभीर आरोपों के बीच निर्वाचन आयोग की चुप्पी सबसे बड़ी विडंबना बन गई है। आयोग की ओर से न तो कोई बयान जारी किया गया और न ही किसी जांच की घोषणा हुई। इससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं।
पहले चरण का मतदान अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहा और 121 सीटों पर 65.08 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है। अब दूसरे चरण में मंगलवार को 122 सीटों पर मतदान होना है, जिनमें गयाजी, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, बेगूसराय, भागलपुर, बांका, जमुई, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण जैसे अहम जिले शामिल हैं।
एनडीए की ओर से गृह मंत्री अमित शाह ने महागठबंधन पर मतदाताओं को डराने और वोटों में हेराफेरी की साजिश का आरोप लगाया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि विपक्षी दलों के कार्यकर्ता गांव-गांव घूमकर लोगों को धमका रहे हैं कि एनडीए को वोट देने पर उन्हें सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया और आयोग से त्वरित कार्रवाई की मांग की, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
दूसरी ओर, महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस तंत्र का इस्तेमाल विपक्षी उम्मीदवारों को डराने और चुनावी माहौल को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पहले चरण में मतगणना के दौरान वोट चोरी के प्रमाण सामने आए हैं और इस संबंध में आरजेडी ने आयोग को विस्तृत शिकायत सौंपी है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने भी इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि आयोग को तुरंत दखल देना चाहिए। उनका कहना है कि देर से प्रतिक्रिया देना अफवाहों को जन्म देगा और मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करेगा। सूत्रों का कहना है कि शिकायतों की समीक्षा चल रही है, लेकिन आयोग सार्वजनिक बयान देने से बच रहा है।
दूसरे चरण के मतदान के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। केंद्रीय बलों की 250 कंपनियां विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों जैसे पटना साहिब, बांकीपुर और फतुहा में तैनात की गई हैं। कुछ स्थानों पर दोनों गठबंधनों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों की खबरें भी सामने आई हैं। जिला प्रशासन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अतिरिक्त चौकियां स्थापित की हैं ताकि अवैध धन और हथियारों के प्रवाह को रोका जा सके।
मतदाताओं में उत्साह के साथ-साथ चिंता का माहौल भी दिखाई दे रहा है। इस चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर 3 करोड़ 70 लाख से अधिक मतदाता 1302 प्रत्याशियों का भविष्य तय करेंगे। इनमें 101 सीटें सामान्य, 19 अनुसूचित जाति और 2 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा और कतार में मौजूद हर मतदाता को वोट डालने का अवसर मिलेगा।
14 नवंबर को सभी चरणों के वोटों की गिनती होगी, जो बिहार की सियासी दिशा तय करेगी। क्या आयोग कोई कदम उठाएगा या चुप्पी बनाए रखेगा? बिहार की जनता लोकतंत्र की मजबूती की परीक्षा दे रही है।
10th November, 2025
