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योगी सरकार के 6 माह, रिजल्ट सिफर- विपक्ष पर ठिकरा

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योगी सरकार के 6 माह, रिजल्ट सिफर- विपक्ष पर ठिकरा

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इसी प्रकार पिछली सरकारों ने राज्य के सकल आय के तीन प्रतिशत तक कर्ज लिये जाने की सीमा को लांघकर 4 प्रतिशत तक का कर्ज लिया जो वित्तीय अनियमितताओं को बढ़ावा देता है। इसी प्रकार पूंजीगत व्यय में कमी भी सरकार के आर्थिक तंत्र की कमजोरी को दर्शाता है। इसी प्रकार योगी सरकार ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्टो को हवाला देते हुए पिछली सरकारों पर तमाम आरोप लगाये है तो सार्वजनिक उपक्रमों की खामियों एवं बढ़ते घाटे का भी उल्लेख किया गया है।
श्वेतपत्र में योगी सरकार ने केवल पिछली सरकारों की कमियों का ही उल्लेख किया है परन्तु उसमें सुधार तथा व्यवस्थागत घाटे से उबरने के कोई भी संकेत नही दिया है। यही नही भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेन्स की नीति पर चलने वाली भाजपा की योगी सरकार ने पिछली सरकारों के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर 6 माह में अथवा आगे भी किसी तरह की कार्रवाई के कोई संकेत नही दिया है। इसमें सबसे बड़ा घोटाला चीनी मिलों की बिक्री, स्मारक घोटाला, रिवर फ्रंट, नोएडा-ग्रेटर नोएडा भूमि घोटाला तथा सरकारी जमीनों पर कब्जे के मसले पर अभी तक योगी सरकार चुपी साधे हुए है।