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योगी सरकार के 6 माह, रिजल्ट सिफर- विपक्ष पर ठिकरा

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योगी सरकार के 6 माह, रिजल्ट सिफर- विपक्ष पर ठिकरा

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भाजपा का किसानों की कर्जमाफी का वादा भी मजाक बनकर ही रह गया है। यहां तक कि किसानों का जितना कर्ज नही माफ हुआ, उससे ज्यादा कर्ज माफी का प्रमाणपत्र देने में सरकारी कोष का खजाना खाली हो गया। किसानों का रोना है कि उसके उपर बैंकों का लाखों रूपये बकाया है जबकि एक पैसे से कुछ रूपये के कर्ज माफी के प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे है। इस पर सरकार की बेशर्मी यह है कि मंत्री दलील दे रहे है कि कर्ज माफी की रकम पर ध्यान न देकर सरकार की नियत पर भरोसा किया जाना चाहिए। इन दोनों ही परिपत्रों से साफ है कि विपक्ष पर ठिकरा फोड़कर योगी सरकार अपनी सफलता को कोई ठोस प्रमाण नही दे पायी।
योगी अब अपनी ही कई घोषणाओं पर चुप्पी साध रहे है। इसमें योगी की अन्नपूर्णा योजना सरकारी फाइलो में ही दबकर रह गयी है। श्वेत पत्र में योगी सरकार ने बजटीय आकडों को ही नये तरीके से सजा कर पेश किया है। सरकार का कहना है कि वर्ष 2007 से 2017 के बीच राज्य के प्रति व्यक्ति पर कर्ज दोगुना से ज्यादा हो गया है। वर्ष 2007 में राज्य के प्रति व्यक्ति पर 7795 रूपये कर्ज था जो 2017 में बढ़कर 17097 रूपये हो गया है। इसी प्रकार राज्य सरकार वर्ष 2007 में एक लाख 34 हजार 915 करोड़ रूपये की कर्जदार थी जो मार्च 2017 में बढ़कर 3 लाख 74 हजार 775 करोड़ रूपये हो गया है।