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आखिर खुल गया यदुबंशी परिवार का सच

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आखिर खुल गया यदुबंशी परिवार का सच

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पत्राचार की लड़ाई--

यदुबंशी परिवार की कलह अब वाकयुद्ध से बाहर आकर पत्राचार से शुरु हो गयी है। पहले बयानबाजी आैर समर्थकों का शक्ति प्रदर्शन शुरु हुआ। अब बातचीत बंद हो गयी। एक ही घर में रहते हुए भी पिता मुलायम आैर पुत्र अखिलेश में बातचीत नही हो हो रही है। सभी संचार साधनों के बाद आैर कैबिनेट में शामिल होने के बाद भी मुख्यमंत्री अखिलेश आैर दूसरे नंबर के मंत्री शिवपाल की स्थिति नेता पक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष की हो गयी है। एमएलसी उदयवीर सिंह का पत्र मूल रूप से अखिलेश की ही भावना है। अभी तक अखिलेश अपनी जिस सौतेली मां साधना का नाम लेने से कतरा रहे थे, उदयवीर ने उसका खुलासा कर दिया। शायद अखिलेश पिता का मान रखने के कारण ही सौतेली मां का नाम लेने से कतरा रहे थे कि इससे पिता की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी परन्तु इसमें मुलायम को ही दोष दिया जाएगा कि उन्होंने बिन मां के बेटे के साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे किसी अनाथ के साथ किया जाता है। यहां तक कि मुलायम के प्रिय राजनीतिक भाई शिवपाल भी उन्ही के साथ हो गये। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी पिता के साये में रहने के लिए अखिलेश ने सरकारी आवास में रहना मुनासिब नही समझा आैर उन्ही के साथ परिवार साथ रहे। परिवार में अलग-थलग करने के बाद ही अखिलेश ने अलग आवास में जाने का निर्णय लिया।