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आखिर खुल गया यदुबंशी परिवार का सच

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आखिर खुल गया यदुबंशी परिवार का सच

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अखिलेश को अलग-थलग करने की साजिश--

राजनीति आैर परिवार में अखिलेश के बढ़ते प्रभाव को कई लोग अन्दर से पचा नही पा रहे थे परन्तु कोई भी खुलकर विरोध करने की हैसियत में नही था। इसके लिए अमर सिंह ने चाणक्य नीति का सुझाव दिया आैर सीधे अखिलेश पर हमला करने की बजाय उनकी राजनैतिक हैसियत कम करने की रणनीति अपनायी गयी। पिछले कई वर्षो से अखिलेश प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ही सपा के प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी निभा रहे थे। ऐसे में कोई कारण नही बनता था कि चुनाव से कुछ माह पहले उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया जाय। यहां तक कि प्रदेश अध्यक्ष बनने वाले चचा शिवपाल यादव भी बिना मंत्री पद के यह काम करने को तैयार नही थे। अमर की इस चाल को शिवपाल क्रियान्वित नही कर सकते थे, इसलिए मुलायम की पत्नी साधना को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी। अखिलेश की राजनैतिक हैसियत कम करने आैर विवाद के बाद परिवार में अलग-थलग करने की रणनीति का यह पहला हिस्सा था। साधना ने वह कर दिखाया तो त्रेता में कैकेयी ने किया था परन्तु यदुबंशी परिवार को द्वापर काल से जुड़ा है, इसलिए न तो मुलायम (दशरथ की तरह) पिता निकले आैर नही अखिलेश (राम की तरह पितृ भक्त)। रामयुग में पारिवारिक प्रेम एवं आपसी त्याग का इतिहास है तो महाभारत में सत्ता के लिए कुछ भी कर गुजरने की ख्वाहिश।