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आखिर खुल गया यदुबंशी परिवार का सच

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आखिर खुल गया यदुबंशी परिवार का सच

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विनाश की नींव है मोह--

किसी तरह के मोह से बचने के लिए हमेशा ही सचेत किया जाता है। मोह से लोभ, लोभ से मद, मद से क्रोध आैर क्रोध से विनाश होता है। यह सभी एक दूसरे के पूरक है। राजा दशरथ को स्त्री से आसक्ति थी तो बिना सोचे समझे कैकेयी को वरदान दे दिया जिसके परिणाम स्वरूप राम स्वरूप बेटे को बनवास जाना पड़ा जिसके प्रति दशरथ सबसे ज्यादा मोहग्रस्त थे। अन्त में दशरथ को अपने प्राण त्याग करना पड़ा। इसके विपरीत धृतराष्ट्र के  पुत्रमोह ने पूरे परिवार को महाभारत के युद्ध में ढकेल दिया। वर्तमान यदुबंशी परिवार के कलह में भी साफ है कि मुलायम सिंह यादव भी कई मोह पाश में फंस गये है। अब इससे मुक्ति का एक मात्र रास्ता मोह से मुक्ति है परन्तु वृद्धावस्था कई तरह की ब्याधियों की जड़ भी होती है। भगवान कृष्ण भी द्रौपदी के अपमान से उपजी घृणा, धृतराष्ट के पुत्र मोह आैर दुर्योधन के अहम से मुक्ति नही दिला पाये थे।