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राष्ट्र से उपर, समाजवादी मुस्लिम प्रेम...

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राष्ट्र से उपर, समाजवादी मुस्लिम प्रेम...

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मुख्यमंत्री के बयान और आमजन के बयानों से यह तो साफ है कि यह सब कुछ वोट बैंक की राजनीति का एक हथियार है। इस समीकरण में साफ नही हो पाया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जैसे नेता को लगातार आतंकी घटनाओं और भारत के खिलाफ साजिश करने के बाद भी पाक से दोस्ती निभाने और रिश्ते निभाने का ऐसा ख्याल क्यों बना जबकि वह खुद ही अपने राज्य में रिश्ते तोड़ने में जुटे है। वर्षो से मायावती को बुआ कहने वाले अखिलेश अब कहते है कि वह बुआ न कहकर पत्थर वाली पार्टी कहेंगे। यही नही अखिलेश को आस्ट्रेलिया पढ़ाने भेजने आैर शादी कराने का दावा करने वाले अमर सिंह को भी उन्होने अंकल कहने से मना कर दिया है। अब ऐसे में नजदीकी रिश्तों को तरजीह न देने वाले अखिलेश को शत्रु देश से इतना प्यार उमड़ना लोगों को आश्चर्य में डाल रहा है।