
राजेन्द्र द्विवेदी- लोकसभा चुनाव 2024 में फर्जी मतदाताओं को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बैंगलोर लोकसभा के महादेवपुरा विधानसभा के एक लाख से अधिक वोटों की चोरी करके भाजपा को जिताने का आरोप चुनाव आयोग पर लगाया। पूरे देश में विपक्ष चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। 300 सांसद इलेक्शन कमिश्नर के कार्यालय जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें हिरासत में ले लिया गया। राहुल गांधी ने चुनावी प्रक्रिया और मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया, विशेष रूप से महाराष्ट्र और हरियाणा में। उन्होंने कहा कि संविधान का 'एक व्यक्ति, एक वोट' सिद्धांत खतरे में है, क्योंकि फर्जी मतदाता सूची में जोड़े जा रहे हैं। कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा में 1 लाख फर्जी वोटों का दावा किया, जिसमें डुप्लीकेट वोटर, फर्जी पते और अवैध फोटो जैसी समस्याएँ पाई गईं। उदाहरण के तौर पर, 70 वर्षीय शकुन रानी का नाम दो बार सूची में दर्ज था। राहुल ने कहा कि भाजपा पर सत्ता विरोधी लहर का असर नहीं दिखता, जो संदेहास्पद है। उन्होंने चुनाव आयोग पर पारदर्शिता की कमी और सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि मशीन-रीडेबल मतदाता सूची उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने 40 हजार वोटरों के पते में गड़बड़ी का दावा किया। राहुल ने कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ संगठित अपराध है और युवाओं से जागरूक होने की अपील की। अंत में, उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने एक सीट पर 1 लाख से अधिक वोट चुराए, जिससे चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठे।
विपक्ष के आरोप के बाद भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने 5 लोकसभा सीटों वायनाड, रायबरेली, डायमंड हार्बर, कन्नौज, मैनपुरी और कोलाथुर विधानसभा में फर्जी मतदाताओं का सवाल उठाया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस चुनावी हार के बाद ईवीएम और मतदाताओं पर दोषारोपण करती है। कांग्रेस ने 1952 से ही चुनावी धांधली शुरू की, जिसमें बाबासाहेब अंबेडकर को हराने की रणनीति बनाई गई। कांग्रेस बूथ कैप्चरिंग, वोटर लिस्ट में हेराफेरी और घुसपैठियों के वोट बैंक को संरक्षण देने का काम करती है। उदाहरण के तौर पर रायबरेली, वायनाड, और डायमंड हार्बर में कथित फर्जी वोटरों की संख्या बताई गई। भाषण में कहा गया कि कांग्रेस हार के बाद आत्मचिंतन के बजाय इलेक्शन कमीशन और संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाती है। राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं पर फर्जी वोटरों के जरिए चुनाव जीतने का आरोप लगाया। उन्होंने ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, और स्टालिन जैसे नेताओं पर भी निशाना साधा। कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति और घुसपैठियों के वोट बैंक को बचाने का आरोप लगाया। प्रेस में विपक्ष से इस्तीफे की मांग की गई और प्रचार (प्रोपेगेंडा) फैलाने का आरोप लगाया गया। अंत में, यह दावा किया गया कि मोदी सरकार और भाजपा ने देश को मजबूत किया, जबकि कांग्रेस लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।
अन्य दलों द्वारा भी फर्जी मतदाता सूची को लेकर आयोग पर हमला किया जा रहा है। सत्तापक्ष और विपक्ष द्वारा चुनाव में फर्जी मतदाता सूची को लेकर उठाए गए सवालों से चुनाव प्रक्रिया पर आयोग संदेह के घेरे में है। ऐसे गंभीर आरोपों पर आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने अभी अधिकृत रूप से जवाब नहीं दिया है।
विपक्ष के आरोप के बाद भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने 5 लोकसभा सीटों वायनाड, रायबरेली, डायमंड हार्बर, कन्नौज, मैनपुरी और कोलाथुर विधानसभा में फर्जी मतदाताओं का सवाल उठाया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस चुनावी हार के बाद ईवीएम और मतदाताओं पर दोषारोपण करती है। कांग्रेस ने 1952 से ही चुनावी धांधली शुरू की, जिसमें बाबासाहेब अंबेडकर को हराने की रणनीति बनाई गई। कांग्रेस बूथ कैप्चरिंग, वोटर लिस्ट में हेराफेरी और घुसपैठियों के वोट बैंक को संरक्षण देने का काम करती है। उदाहरण के तौर पर रायबरेली, वायनाड, और डायमंड हार्बर में कथित फर्जी वोटरों की संख्या बताई गई। भाषण में कहा गया कि कांग्रेस हार के बाद आत्मचिंतन के बजाय इलेक्शन कमीशन और संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाती है। राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं पर फर्जी वोटरों के जरिए चुनाव जीतने का आरोप लगाया। उन्होंने ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, और स्टालिन जैसे नेताओं पर भी निशाना साधा। कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति और घुसपैठियों के वोट बैंक को बचाने का आरोप लगाया। प्रेस में विपक्ष से इस्तीफे की मांग की गई और प्रचार (प्रोपेगेंडा) फैलाने का आरोप लगाया गया। अंत में, यह दावा किया गया कि मोदी सरकार और भाजपा ने देश को मजबूत किया, जबकि कांग्रेस लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।
अन्य दलों द्वारा भी फर्जी मतदाता सूची को लेकर आयोग पर हमला किया जा रहा है। सत्तापक्ष और विपक्ष द्वारा चुनाव में फर्जी मतदाता सूची को लेकर उठाए गए सवालों से चुनाव प्रक्रिया पर आयोग संदेह के घेरे में है। ऐसे गंभीर आरोपों पर आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने अभी अधिकृत रूप से जवाब नहीं दिया है।
14th August, 2025