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भाजपा को सता रही ब्राह्मणों की नाराजगी, संगठन पर पकड़ बनाने को महेन्द्र पाण्डेय की परीक्षा

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भाजपा को सता रही ब्राह्मणों की नाराजगी, संगठन पर पकड़ बनाने को महेन्द्र पाण्डेय की परीक्षा

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ऐसे में प्रदेश भाजपा के रणनीतिकार सुनील बंसल को अपना बर्चस्व बनाये रखने में आसानी होगी। केशव प्रसाद मौर्या के अल्पकालिक राजनीतिक जीवन में सांसद और प्रदेश अध्यक्ष के साथ उपमुख्यमंत्री का पद मिल जाना, उस वर्ग के लिए बड़ी उपलब्धि साबित हुई। ऐसे में मौर्य वर्ग के लिए केशव पर सुनील बंसल के बर्चस्व की बात कुछ नही उखरी। इसके विपरीत महेन्द्र नाथ पाण्डेय के खिलाफ स्थितियां अलग है। महेन्द्र पाण्डेय कमजोर अध्यक्ष साबित हुए तो ब्राह्मण वर्ग ही उन्हे ठुकरा देगा।
अपने समय के धुरन्धर संगठन मंत्रियों में हृदयनाथ सिंह, जयप्रकाश चतुर्वेदी तथा रामप्यारे पाण्डेय के समक्ष कल्याण सिंह एवं राजेन्द्र गुप्त जैसे अध्यक्ष भी चुप्पी साध लेते थे। इसी प्रकार नागेन्द्र नाथ त्रिपाठी ने वर्षो तक कई प्रदेश अध्यक्षों पर अपना दबदबा बनाये रखा। यहां तक कि नागेन्द्र से संवाद करने के लिए अध्यक्ष उनके कक्ष तक में जाते थे।