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घर का बंटवारा, अखिलेश की लोकप्रियता धुमिल करने का प्रयास

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घर का बंटवारा, अखिलेश की लोकप्रियता धुमिल करने का प्रयास

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मुलायम का राजनीतिक वारिस --

समाजवादी परिवार में चल रही यह उठा पटक असल में मुलायम की राजनीतिक विरासत को लेकर है। मुलायम सिंह यादव के दो बेटे अखिलेश एवं प्रतीक है। बताया जाता है कि मुलायम सिंह यादव ने इन दोनों में आर्थिक बंटवारा कर दिया है। जहां तक मुलायम के राजनीतिक वारिस का है, वह अखिलेश ने केवल हासिल ही नही किया है बल्कि पिता से कोसो आगे तक पहुंचा दिया है। पहले प्रदेश सपा का अध्यक्ष रहते अखिलेश ने पहली बार पार्टी को पूर्ण बहुमत दिलाया। उसके बाद मुख्यमंत्री बनते ही अखिलेश एक तरह से पिता मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक वारिस हो गये। इस बीच अखिलेश ने समाजवादी राजनीति के परचम को अपराधीकरण आैर भ्रष्टाचार से मुक्त कर विकासवादी नयी पहचान बनाने का प्रयास किया। समाजवादी राजनीति में  मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक पहचान "" यादवी नेतृत्व एवं मुस्लिम परस्ती "" रही है। इन दो बिन्दुओं पर भी अखिलेश आज के समय में अपने पिता मुलायम सिंह यादव से काफी आगे निकल गये है। मुलायम सरकार में कुछ सिपाही तथा अन्य कर्मचारियों की भर्ती में ही यादवों को वरीयता दिये जाने के राजनीतिक आरोप लगे थे परन्तु अखिलेश सरकार में सिपाही, शिक्षक, ग्राम पंचायतों आदि लाखों भर्तियों मेंं ही नही लोक सेवा आयोग तथा सचिवालय की भर्तियांे तक में जिस प्रकार यादव कुल का बोलबाला रहा, उससे अखिलेश...आगे क्लिक करे..