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घर का बंटवारा, अखिलेश की लोकप्रियता धुमिल करने का प्रयास

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घर का बंटवारा, अखिलेश की लोकप्रियता धुमिल करने का प्रयास

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अखिलेश ने बनाया नया आसियाना --

तमाम विवादों के बाद भी मुलायम परिवार अभी तक एक बना हुआ था। यहां तक कि आपसी मनमुटाव होते हुए भी अखिलेश मुख्यमंत्री बनने के बाद भी सरकारी आवास छोड़ पिता के आवास में ही साथ रहते थे। हालांकि इस आवास में अखिलेश के रहने को लेकर तमाम तरह की चर्चाए भी होती थी परन्तु अखिलेश ने पिता का सम्मान आैर प्यार का मान रखते हुए उन्हीं की साया में रहने का निर्णय लिया। यही नही चाचा शिवपाल के यहां भी अखिलेश का आये दिन आना जाना रहता था। मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका आया है कि अखिलेश अब पिता का घर छोड़ अपने आवास में रहने जा रहे है। यह स्थिति तब हुई है जब चचा शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद शिवपाल ने अखिलेश समर्थकों को न केवल सपा से निष्कासित कर दिया बल्कि कार्यालय आने-जाने से भी मनाही कर दी गयी। नाराज अखिलेश ने समर्थकों के लिए जयप्रकाश ट्रस्ट को नये कार्यालय के रूप में चयनित कर लिया है। इस घटना से साफ हो गया है कि समाजवादी परिवार के घर आैर कार्यालय दोनों का ही बंटवारा शु डिग्री हो गया है। आगामी विधानसभा चुनाव के समय सपा के झंडे तले आैर साइकिल चुनाव चिन्ह पर कौन चुनाव लड़ेगा आैर कौन समाजवादी विरोध में डंका बजाएगा, यह तो समय बताएगा परन्तु यह साफ है कि इस बार सपा के झंडे-बैनर को ही लेकर घमासान होना है। यही नही लखनऊ आने के बाद से अपने पिता मुलायम सिंह यादव के साथ जिस 4 विक्रमादित्य मार्ग पर अब रहते आये है, वहां से भी अब पहली बार हटकर वह नये आसियाने 7 विक्रमादित्य मार्ग पर 9 अक्टूबर को शिफ्ट हो जाएगे। अखिलेश पिता का आसियाना ऐसे समय छोड़ रहे है जबकि साढ़े चार वर्ष मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यह सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर रात्रि निवास नही किया। अखिलेश के पिता का आवास छोड़ने के पीछे उनके खिलाफ इसी भवन से की जा रही साजिश को बताया जा रहा है। इसके बाद भी अखिलेश ने पिता का मान रखते हुए इस साजिश का पर्दाफाश नही किया है।..आगे क्लिक करे.