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राम गोपाल की कटार...

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राम गोपाल की कटार...

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अभी तक सपा खेमे में मुलायम परिवार का राजनीतिक विचारक कहे जाने वाले राम गोपाल पहली बार अलग-थलग पड़े है। राम गोपाल काफी दिनों से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पक्षधर बताये जाते थे। प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर पहले मुलायम राज में भी राम गोपाल एवं अमर सिह के बीच तनाव का मुद्दा नोएडा का भूमि कारोबार था। यही वजह रही कि अमर सिंह की वापसी को लेकर राम गोपाल विरोध करते रहे। बताया जाता है कि नोएडा के कारोबार में अपना बर्चस्व रखने के लिए राम गोपाल मुख्यमंत्री को अपने पाले में रखने के हर संभव प्रयास करते थे। यही वजह रही कि जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष पद से अखिलेश को हटाया गया, राम गोपाल खुलकर अखिलेश के पक्ष में आ गये। जबकि अखिलेश को हटाया जाने का पत्र राम गोपाल के ही हस्ताक्षर से जारी हुआ। इसके बाद अमर सिंह का महासचिव बनाये जाने के निर्णय पर सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने किया।