
राजेन्द्र द्विवेदी, यूरीड मीडिया- मोदी के चहेते चैनलों ने भ्रामक खबरें दिखाकर देश को शर्मसार किया है। ऐसे-ऐसे हास्यास्पद फेक खबरों का विजुअल दिखाया जो फर्जी थे। ऐसे भ्रामक खबरों पर लगातार रक्षा मंत्रालय और पीआईबी खंडन भी करता रहा, लेकिन भ्रामक खबरें जारी रहीं। यहाँ सबसे गंभीर सवाल यह है कि मोदी सरकार के इशारे पर यह भ्रामक खबरें हिंदुस्तान और पाकिस्तान की लड़ाई के संवेदनशील घटनाक्रम पर चलाई जा रही थीं और औपचारिकता निभाने और जनता को दिखाने के लिए ऐसी भ्रामक खबरों को सरकार सही नहीं मानती और इसका पीआईबी द्वारा खंडन भी किया जाता रहा। अगर ऐसा नहीं है तो भाजपा शासित राज्यों में सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर भी खबर चलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है और उन्हें जेल भेजा जाता है, जबकि ऑपरेशन सिंदूर देश के लिए कितना अहम है, इसे बताने की जरूरत नहीं है। हमारे देश के जवानों ने अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए 3 दिनों में ही पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। ऐसे सेना के जांबाजों को 140 करोड़ जनता सलाम भी कर रही है। लेकिन जिस बेहूदगी और दबंगई से मोदी के चहेते चैनलों ने भ्रामक खबरें चलाईं, वह देशद्रोह की श्रेणी में आता है। ऐसी भ्रामक खबरों से जनता में भ्रम, दहशत और गलत धारणाएं फैलीं। ऐसी भ्रामक खबरों से दुनिया में भारतीय मीडिया की विश्वसनीयता समाप्त हो गई है। देश की जनता भी ऐसी फर्जी न्यूज चैनलों की भ्रामक खबरों से परिचित है, इसलिए उसने ऐसी खबरों के खिलाफ अपना आक्रोश भी जाहिर किया है।
किस तरह से और कैसे चैनलों ने फर्जी खबर चलाई, उसमें ज़ी न्यूज़ ने 7 से 9 मई के बीच भ्रामक खबर दी कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर गिरफ्तार हो गया है। इतना घटिया और शर्मनाक फुटेज Arma 3 गेमिंग के माध्यम से युद्ध को दर्शाते हुए बनाया गया, जिसे डिफेंस और पीआईबी दोनों ने फर्जी खबर और प्रोपेगेंडा बताया। आज तक चैनल ने 9 मई को खबर दिखाई कि भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट को नष्ट कर दिया है। इसके लिए 2023 के गाज़ा हमले का पुराना वीडियो ऑपरेशन सिंदूर के फुटेज के रूप में उपयोग किया गया। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने इसे फर्जी बताया। टाइम्स नाउ ने खबर दिखाई कि भारतीय सेना ने इस्लामाबाद पर कब्जा कर लिया। जयपुर एयरपोर्ट पर धमाका हो गया। रिपब्लिक टीवी ने 8 मई को नगरोटा एयरबेस के नष्ट होने का फर्जी वीडियो चलाया, जो फुटेज सूडान युद्ध का था। चैनल ने कराची और इस्लामाबाद पर भी कब्जे की भ्रामक खबर बढ़-चढ़ कर घंटों दिखाई। न्यूज़ 18 ने 9 और 10 मई को फर्जी खबरें दिखाई कि किराना हिल्स पर हमला हुआ और एक फर्जी व्हाट्सएप फॉरवर्ड करके रक्षा मंत्रालय की युद्ध की तैयारी बताई, जिसे पीआईबी और भारतीय वायुसेना ने खारिज किया। इंडिया टुडे ने 8 मई को श्रीनगर हवाई अड्डे पर 10 विस्फोट और 9 मई को अंबाला से अमृतसर तक कई हमले दिखाए। श्रीनगर की खबर अल-जज़ीरा के हवाले से दी गई थी, जो गलत थी और अंबाला से अमृतसर तक हमले की खबर सांप्रदायिकता बढ़ाने का प्रयास थी। पीआईबी ने दोनों को फर्जी बताया।
इन खबरों से जनता में भ्रम, दहशत और राष्ट्रवाद का उन्माद पैदा हुआ। सांप्रदायिक तनाव बढ़े और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की मीडिया की विश्वसनीयता समाप्त हुई। युद्ध के समय ऐसी भ्रामक खबरें देशद्रोह हैं। ऐसे भ्रामक चैनलों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जानी चाहिए और चैनल को भी बंद कर देना चाहिए। लेकिन ये सभी मोदी के चहेते हैं, इसलिए जो भी चाहे, जैसा चाहे फर्जी और भ्रामक खबरें दिखाए, कार्रवाई नहीं होगी।
किस तरह से और कैसे चैनलों ने फर्जी खबर चलाई, उसमें ज़ी न्यूज़ ने 7 से 9 मई के बीच भ्रामक खबर दी कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर गिरफ्तार हो गया है। इतना घटिया और शर्मनाक फुटेज Arma 3 गेमिंग के माध्यम से युद्ध को दर्शाते हुए बनाया गया, जिसे डिफेंस और पीआईबी दोनों ने फर्जी खबर और प्रोपेगेंडा बताया। आज तक चैनल ने 9 मई को खबर दिखाई कि भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट को नष्ट कर दिया है। इसके लिए 2023 के गाज़ा हमले का पुराना वीडियो ऑपरेशन सिंदूर के फुटेज के रूप में उपयोग किया गया। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने इसे फर्जी बताया। टाइम्स नाउ ने खबर दिखाई कि भारतीय सेना ने इस्लामाबाद पर कब्जा कर लिया। जयपुर एयरपोर्ट पर धमाका हो गया। रिपब्लिक टीवी ने 8 मई को नगरोटा एयरबेस के नष्ट होने का फर्जी वीडियो चलाया, जो फुटेज सूडान युद्ध का था। चैनल ने कराची और इस्लामाबाद पर भी कब्जे की भ्रामक खबर बढ़-चढ़ कर घंटों दिखाई। न्यूज़ 18 ने 9 और 10 मई को फर्जी खबरें दिखाई कि किराना हिल्स पर हमला हुआ और एक फर्जी व्हाट्सएप फॉरवर्ड करके रक्षा मंत्रालय की युद्ध की तैयारी बताई, जिसे पीआईबी और भारतीय वायुसेना ने खारिज किया। इंडिया टुडे ने 8 मई को श्रीनगर हवाई अड्डे पर 10 विस्फोट और 9 मई को अंबाला से अमृतसर तक कई हमले दिखाए। श्रीनगर की खबर अल-जज़ीरा के हवाले से दी गई थी, जो गलत थी और अंबाला से अमृतसर तक हमले की खबर सांप्रदायिकता बढ़ाने का प्रयास थी। पीआईबी ने दोनों को फर्जी बताया।
इन खबरों से जनता में भ्रम, दहशत और राष्ट्रवाद का उन्माद पैदा हुआ। सांप्रदायिक तनाव बढ़े और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की मीडिया की विश्वसनीयता समाप्त हुई। युद्ध के समय ऐसी भ्रामक खबरें देशद्रोह हैं। ऐसे भ्रामक चैनलों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जानी चाहिए और चैनल को भी बंद कर देना चाहिए। लेकिन ये सभी मोदी के चहेते हैं, इसलिए जो भी चाहे, जैसा चाहे फर्जी और भ्रामक खबरें दिखाए, कार्रवाई नहीं होगी।
14th May, 2025