यूरीड मीडिया- झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने अभूतपूर्व दो तिहाई बहुमत प्राप्त किया है। 81 सीटों वाले इस चुनाव में गठबंधन ने 56 सीटें जीतकर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया। इस जीत के साथ ही राज्य में भाजपा के विजय रथ को रोक दिया गया। भाजपा को सिर्फ 24 सीटों से संतोष करना पड़ा। हालांकि, चुनाव में हेमंत कैबिनेट के चार मंत्रियों को करारी हार देखनी पड़ी।
इन मंत्रियों को मिली करारी हार
हारने वालों में जल संसाधन मंत्री मिथिलेश ठाकुर, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम और समाज कल्याण मंत्री बीबी देवी शामिल हैं। इधर, इस चुनाव परिणाम के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन को बधाई दी और कहा कि यह नतीजे भाजपा के लिए अप्रत्याशित हैं।
इस योजना को झामुमो को मिला लाभ
बेबी देवी के विभाग ने लोकलुभावन मईयां सम्मान योजना शुरू की थी, जिसने राज्य में झामुमो नीत गठबंधन की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस योजना के तहत, 18-50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है और झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने इसे बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह करने का वादा किया है। वर्तमान में इस योजना का लाभ करीब 57 लाख महिलाएं उठा रही हैं।
इन लोगों ने मंत्रियों को दी मात
जमशेदपुर पश्चिम सीट से कांग्रेस के बन्ना गुप्ता जेडीयू के सरयू राय से 7,863 मतों से हार गए।
गढ़वा में झामुमो के मिथिलेश कुमार ठाकुर को भाजपा के सत्येंद्र नाथ तिवारी ने 16,753 मतों के अंतर से हराया।
लातेहार से चुनाव लड़ रहे झामुमो के बैद्यनाथ राम भाजपा के प्रकाश राम से 434 मतों के मामूली अंतर से हार गए।
झामुमो की बीबी देवी डुमरी सीट से जेएलकेएम के जयराम कुमार महतो से 10,945 के अंतर से हार गईं।
देवी को अप्रैल 2023 में कोविड-19 से संबंधित जटिलताओं के कारण उनके पति जगरनाथ महतो की मृत्यु के बाद मंत्री बनाया गया था।
इन इलाकों में झामुमो की जबरदस्त जीत
झारखंड के छह क्षेत्रों कोल्हान, संताल, कोयलांचल, उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर और पलामू में से पांच में झामुमो और इंडिया गठबंधन को जबरदस्त जीत मिली। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है जो झारखंड के 24 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है। इससे पहले कोई भी सरकार लगातार दो बार सत्ता में नहीं आ सकी थी।
भाजपा को पिछले चुनाव के मुकाबले चार सीटों पर नुकसान
दूसरी ओर, भाजपा पिछले चुनाव के मुकाबले चार सीटों के नुकसान पर 21 सीट ही जीत सकी, जबकि 68 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। एनडीए की दूसरी बड़ी सहयोगी पार्टी आजसू दस सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन एक सीट ही जीत सकी। आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो खुद चुनाव हार गए।
25th November, 2024