
यूरीड मीडिया- गाजीपुर से शुरू लखनऊ सुल्तानपुर रोड ग्राम चाँदसराय से मिलने वाली 341 किलोमीटर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी उत्तर प्रदेश की जीवन-रेखा बनेगी। अति पिछड़े क्षेत्र पूर्वांचल से एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद अप्रत्याशित रूप से विकास होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ होते हुए होते हुए जनपद-गाजीपुर ग्राम-हैदरिया में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31 पर समाप्त होता है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लम्बाई-340.824 किमी0 है।
इस एक्सप्रेस वे बन्ने के बाद पूर्वांचल के सभी जनपद आपस में महत्वपूर्ण सड़कों से जुड़ते हुए लखनऊ पहुंचेंगे और लखनऊ से राजधानी दिल्ली का सीधे आगरा एक्सप्रेस-वे से कनेक्टिविटी हो जाएगी। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद किसानों और व्यापारियों के साथ देश भर से अच्छी रोड से सीधा संपर्क हो जायेगा। पूर्वांचल में 7 महत्वपूर्ण मंडल अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर के 26 से अधिक जनपदों को लाभ मिलेगा। इन पूर्वांचल में 26 लोकसभा सीटें वहीँ पर 40 प्रतिशत आबादी भी रहती है। सड़क बनने से पूर्वांचल में सबसे अधिक पर्यटन का विकास होगा। जिसमे रोज़गार भी मिलेंगे और पूर्वांचल के लोगों को अन्य कई तरह से आर्थिक लाभ भी होगा। आने वाले दिनों अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ही देश ही नहीं दुनिया के नक़्शे में प्रमुखता से आ जायेगा। जिसके कारण देश दुनिया से आने वाले पर्यटक को सीधा अयोध्या पहुंचने में लखनऊ फैज़ाबाद मार्ग के अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे महत्वपूर्ण मार्ग मिल जायेगा। अयोध्या में राम मंदिर, गोरखपुर में बाबा गोरखनाथ मंदिर, कुशीनगर-बौद्ध तीर्थस्थल है जहाँ गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। यहाँ अनेक सुन्दर बौद्ध मन्दिर हैं। बौद्ध सिर्किट श्रावास्ती, सारनाथ, लुम्बनी को भी जोड़ती है।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, विन्ध्याचल में माँ विन्ध्यवासिनी देवी, प्रयागराज का संगम, बस्ती में मगहर सहित लगभग 2 दर्जन महत्वपूर्ण धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से पर्यटन की सर्किट बन जाएगी।
देश और दुनिया भर से आने वाले पर्यटक ख़राब सड़कों के कारण इस अयोध्या, गोरखपुर, कुशीनगर, वाराणसी, प्रयागराज, विन्ध्याचल जैसे मत्वपूर्ण स्थानों पर जाने हुए कतराते थे। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अतिपिछड़े पूर्वांचल में विकास को महत्व मिल रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की अहमियत अयोध्या गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी में एयरपोर्ट होने के कारण काफी बढ़ गयी है। बाहर से आने वाले पर्यटक कम समय में भी किसी भी एक एयरपोर्ट से अपनी यात्रा शुरू करके मत्वपूर्ण स्थानों का धार्मिक एवं ऐतिहासित भ्रमण करने के बाद दूसरे एयरपोर्ट से वापस जा सकते है।
कोरोना महामारी के पहले ही एक्सप्रेस-वे का निर्माण 42 प्रतिशत तक हो चूका था। लेकिन कोरोना में लॉकडाउन के कारण कार्य रोकना पड़ा। जिस तेजी से कार्य हो रहा था अगर लॉकडाउन नहीं होता तो 70 प्रतिशत से अधिक कार्य हो गया होता। लॉकडाउन के बीच में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वाकांक्षी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण 20 अप्रैल से ही शुरू कर दिया गया था। एक्सप्रेस-वे के निर्माण में वर्तमान में अलग अलग क्षेत्रों में मिलाकर 10000 से अधिक मजदूर सोशल डिस्टन्सिंग का पूरी तरह पालन करते हुए कार्य कर रहे हैं।

यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि संबंधित जिले के जिलाधिकारियों को इस बात की सूचना दे दी गयी है। लखनऊ शहर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में कान्ट्रैक्टर्स व पीआईयू के दफ्तर खुल चुके हैं तथा निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगे हुए कुल मजदूरों की संख्या औसत रूप से 10000 है, जिसमें से वर्तमान में 4835 मजदूर इस समय 8 पैकेजों में मौजूद हैं। श्री अवस्थी ने बताया कि सभी कॉन्ट्रैक्टर्स को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना सुनिश्चित करें। श्री अवस्थी ने बताया कि लॉक डाउन से पूर्व 42 प्रतिशत से अधिक भौतिक कार्य पूर्ण कर लिया गया था| अब शेष कार्य को त्वरित गति से पूर्ण कराया जाएगा।

यूपीडा के सलाहकार दुर्गेश उपाध्याय बताते है "एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगे सभी मजदूरों में सख्ती के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है। काम में जाने से पहले सभी मजदूरों की थर्मल स्कैनिंग की जाती है। हर पीआईयू के पास एक मेडिकल टीम है जो इन सारे मजदूरों के स्वास्थ्य पर नज़र रख रही है।"
इस एक्सप्रेस वे बन्ने के बाद पूर्वांचल के सभी जनपद आपस में महत्वपूर्ण सड़कों से जुड़ते हुए लखनऊ पहुंचेंगे और लखनऊ से राजधानी दिल्ली का सीधे आगरा एक्सप्रेस-वे से कनेक्टिविटी हो जाएगी। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद किसानों और व्यापारियों के साथ देश भर से अच्छी रोड से सीधा संपर्क हो जायेगा। पूर्वांचल में 7 महत्वपूर्ण मंडल अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर के 26 से अधिक जनपदों को लाभ मिलेगा। इन पूर्वांचल में 26 लोकसभा सीटें वहीँ पर 40 प्रतिशत आबादी भी रहती है। सड़क बनने से पूर्वांचल में सबसे अधिक पर्यटन का विकास होगा। जिसमे रोज़गार भी मिलेंगे और पूर्वांचल के लोगों को अन्य कई तरह से आर्थिक लाभ भी होगा। आने वाले दिनों अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ही देश ही नहीं दुनिया के नक़्शे में प्रमुखता से आ जायेगा। जिसके कारण देश दुनिया से आने वाले पर्यटक को सीधा अयोध्या पहुंचने में लखनऊ फैज़ाबाद मार्ग के अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे महत्वपूर्ण मार्ग मिल जायेगा। अयोध्या में राम मंदिर, गोरखपुर में बाबा गोरखनाथ मंदिर, कुशीनगर-बौद्ध तीर्थस्थल है जहाँ गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। यहाँ अनेक सुन्दर बौद्ध मन्दिर हैं। बौद्ध सिर्किट श्रावास्ती, सारनाथ, लुम्बनी को भी जोड़ती है।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, विन्ध्याचल में माँ विन्ध्यवासिनी देवी, प्रयागराज का संगम, बस्ती में मगहर सहित लगभग 2 दर्जन महत्वपूर्ण धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से पर्यटन की सर्किट बन जाएगी।
देश और दुनिया भर से आने वाले पर्यटक ख़राब सड़कों के कारण इस अयोध्या, गोरखपुर, कुशीनगर, वाराणसी, प्रयागराज, विन्ध्याचल जैसे मत्वपूर्ण स्थानों पर जाने हुए कतराते थे। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अतिपिछड़े पूर्वांचल में विकास को महत्व मिल रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की अहमियत अयोध्या गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी में एयरपोर्ट होने के कारण काफी बढ़ गयी है। बाहर से आने वाले पर्यटक कम समय में भी किसी भी एक एयरपोर्ट से अपनी यात्रा शुरू करके मत्वपूर्ण स्थानों का धार्मिक एवं ऐतिहासित भ्रमण करने के बाद दूसरे एयरपोर्ट से वापस जा सकते है।
कोरोना महामारी के पहले ही एक्सप्रेस-वे का निर्माण 42 प्रतिशत तक हो चूका था। लेकिन कोरोना में लॉकडाउन के कारण कार्य रोकना पड़ा। जिस तेजी से कार्य हो रहा था अगर लॉकडाउन नहीं होता तो 70 प्रतिशत से अधिक कार्य हो गया होता। लॉकडाउन के बीच में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वाकांक्षी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण 20 अप्रैल से ही शुरू कर दिया गया था। एक्सप्रेस-वे के निर्माण में वर्तमान में अलग अलग क्षेत्रों में मिलाकर 10000 से अधिक मजदूर सोशल डिस्टन्सिंग का पूरी तरह पालन करते हुए कार्य कर रहे हैं।

यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि संबंधित जिले के जिलाधिकारियों को इस बात की सूचना दे दी गयी है। लखनऊ शहर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में कान्ट्रैक्टर्स व पीआईयू के दफ्तर खुल चुके हैं तथा निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगे हुए कुल मजदूरों की संख्या औसत रूप से 10000 है, जिसमें से वर्तमान में 4835 मजदूर इस समय 8 पैकेजों में मौजूद हैं। श्री अवस्थी ने बताया कि सभी कॉन्ट्रैक्टर्स को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना सुनिश्चित करें। श्री अवस्थी ने बताया कि लॉक डाउन से पूर्व 42 प्रतिशत से अधिक भौतिक कार्य पूर्ण कर लिया गया था| अब शेष कार्य को त्वरित गति से पूर्ण कराया जाएगा।

यूपीडा के सलाहकार दुर्गेश उपाध्याय बताते है "एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगे सभी मजदूरों में सख्ती के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है। काम में जाने से पहले सभी मजदूरों की थर्मल स्कैनिंग की जाती है। हर पीआईयू के पास एक मेडिकल टीम है जो इन सारे मजदूरों के स्वास्थ्य पर नज़र रख रही है।"
10th May, 2020