यूरीड मीडिया- कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में शोध व अध्ययन किए जा रहे हैं। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बरमिंघम के शोधकर्ताओं के मुताबिक जिस देश के नागरिकों में हाथ धोने की आदत नहीं होती है, वे स्वत: कोरोनो वायरस के संपर्क में आ जाते हैं।
शोधकर्ता जी पोग्रेबना ने कहा कि कोविड 19 वायर से बचाव के तहत बारबार साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोने की सलाह दी जाती है। छोटी अवधि में व्यक्तिगत स्वच्छता व्यवहार को जल्दी से प्रभावित करना संभव है, लेकिन किसी विशेष देश में या विश्व स्तर पर हाथ धौने की संस्कृति को बदलना अधिक कठिन काम है।
शोध में उन्होंने पाया कि चीन में 77 प्रतिशत, जापान में 70 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया में 61 फीसदी और नीदरलैंड के 50 प्रतिशत और भारत के 40 प्रतिशत लोग शौचालय के प्रयोग के बाद हाथ नहीं धोते हैं। वहीं यूके और अमेरिका में आंकड़ा 25 व 23 प्रतिशत क्रमश: है। शोधकर्ताओं ने कोविड19 के प्रकोप को जानने के लिए 64,002 लोगों के डाटाबेस का अध्ययन किया।
हाथ धोने में सऊदी अरब सबसे आगे
शोध में पाया गया कि शौचालय के प्रयोग के बाद हाथ धोने के मामले में सऊदी अरब के लोगों की आदत सबसे अच्छी है। यहां महज तीन फीसदी लोग ही हाथ नहीं धोते।
शोधकर्ता जी पोग्रेबना ने कहा कि कोविड 19 वायर से बचाव के तहत बारबार साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोने की सलाह दी जाती है। छोटी अवधि में व्यक्तिगत स्वच्छता व्यवहार को जल्दी से प्रभावित करना संभव है, लेकिन किसी विशेष देश में या विश्व स्तर पर हाथ धौने की संस्कृति को बदलना अधिक कठिन काम है।
शोध में उन्होंने पाया कि चीन में 77 प्रतिशत, जापान में 70 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया में 61 फीसदी और नीदरलैंड के 50 प्रतिशत और भारत के 40 प्रतिशत लोग शौचालय के प्रयोग के बाद हाथ नहीं धोते हैं। वहीं यूके और अमेरिका में आंकड़ा 25 व 23 प्रतिशत क्रमश: है। शोधकर्ताओं ने कोविड19 के प्रकोप को जानने के लिए 64,002 लोगों के डाटाबेस का अध्ययन किया।
हाथ धोने में सऊदी अरब सबसे आगे
शोध में पाया गया कि शौचालय के प्रयोग के बाद हाथ धोने के मामले में सऊदी अरब के लोगों की आदत सबसे अच्छी है। यहां महज तीन फीसदी लोग ही हाथ नहीं धोते।
25th March, 2020