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गैरो पर करम - अपनों पर सितम, हाले बयां कांग्रेस

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गैरो पर करम - अपनों पर सितम, हाले बयां कांग्रेस

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कांग्रेस की अन्तिम बाजी--

यूपी की राजनीति में तीन दशकों से चौथी नंबर की पार्टी बनी कांग्रेस ने अस्तित्व की लड़ाई के लिए करोड़ो रूपये खर्च कर मैनेजमेंट के व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपी। कांग्रेस के युवराज एक माह तक प्रदेश में खाट पंचायत करते रहे आैर दिल्ली पहुंच कर ऐसा बकलोली बयान दे गये कि चुनावी मैनेजमेंट की हवा निकल गयी। इससे बड़ी गलती कांग्रेस पहले ही सांगठनिक स्तर पर कर गयी। निर्मल खत्री जैसे निर्विवादित नेता को हटाकर फिल्मी दुनिया के राजबब्बर को कमान सौपी गयी। राज बब्बर राजनीतिक सोच एवं क्रियाकलापों से कभी भी कांग्रेसी नही रहे। राजबब्बर का राजनैतिक कैरियर युवा सोशलिस्ट आन्दोलनों की सक्रियता से रही है आैर वह मुलायम सिंह यादव के सहयोग से ही राजनीति के इस पायदान पर पहुंचे। सपा में अमर सिंह की सक्रियता बढ़ने से राजबब्बर महत्वहीन होने के बाद सपा छोड़ कांग्रेस में गये।