
यूरिड मीडिया डेस्क:-
हमारे हिन्दू धर्म में कई तरह की पूजाएँ व प्रार्थनाएँ की जाती है और लगभग सभी पाठों व मंत्रों में ॐ का इस्तमाल ज़रूर होता है। पर ऐसे बहुत से लोग होंगे जिनको ॐ का अर्थ ही नहीं पता होगा। आइये आज हम आपको बताते हैं की वास्ताव में ॐ का अर्थ क्या होता है। क्यों हर मंत्र जाप में ॐ का उच्चारण किया जाता है।
ॐ के 11 शारीरिक लाभ--
ओउम् तीन अक्षरों से बना है-- अ उ म्
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना
"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास
"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।
ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...
*ॐ* और थायराॅयडः-
*ॐ* का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
*ॐ* और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
*ॐ* और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
*ॐ* और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
*ॐ* और पाचनः-
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
*ॐ* लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
*ॐ* और थकान:-
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
*ॐ* और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।
*ॐ* और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
*ॐ* और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
*ॐ* दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।