यूरिड मीडिया डेस्क--
जीवन का सत्य है मृत्यु । हमारे जीवन में जन्म लेने के साथ ही म्रत्यु का समय भी निशचित होता है और इस मौत से हर किसी को डर भी लगता है। मौत व्यक्ति को उसके जीवन की सच्चाई बताती है। हर कोई जनना चाहता है कि आखिर मृत्यु के बाद क्या होता है। कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनको मृत्यु होने से पहले ही संकेत हो जाता है। आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि आखिर मौत आने पर क्या महसूस होता है, जिससे लगता है कि अब हमारी ज़िंदगी बस कुछ ही पलों की बची है ।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पांच से सात साल तक के बच्चे मृत्यु को नहीं समझते और ना ही उन्हें पूर्वजन्म की अवधारणा से कुछ लेना-देना होता है,
इसलिए उनके भीतर किसी प्रकार का भय नहीं होता। उन्हें भी कुछ ऐसे ही अनुभव होते हैं जो किसी वयस्क को हो सकते हैं ।
कैसे होता है, मृत्यु का आभास--
- मौत के बारे में अलग-अलग तरह से उल्लेख पढ़ने को मिलते हैं ।
- कुछ लोग मृत्यु के पूर्व आभासों को नहीं मानते, लेकिन साइंस ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि मरने के कुछ पल पहले इंसान कुछ सोचता है ।
- मौत के करीब पहुंच कर व्यक्ति शरीर के साथ आत्मा के मरने का भी अनुभव करता है ।
- कई बार ऐसी घटनाएं घटित होती हैं जब मौत के मुंह में पहुंचने के बाद व्यक्ति को जीवनदान मिल जाता है ।
- आपने कई किस्से सुने होंगे जब अंतिम संस्कार के समय ही व्यक्ति दोबारा जीवित हो उठता है ।
- इन्हीं लोगों के साक्षात्कार के आधार पर प्राप्त परिणामों को वैज्ञानिकों ने अपने शोध की स्थापनाएं बनाया है ।
क्या आपने आत्मा को उड़ते देखा --
- एक सूचना के मुताबिक बताया जा रहा है कि अमेरिका में रहने वाली एक महिला जो कि वेंटिलेटर पर अपनी आखिरी सांसे ले रही थी ।
- इस महिला की आंखों की रोशनी बहुत कमजोर थी, बावजूद इसके उसने महसूस किया कि वह अपने पीछे रखी मशीन पर लिखे अंक देख पा रही है ।
- यही नहीं उसने खुद को ऊपर की ओर उड़ता हुआ देखा ।
- कुछ देर बाद उसकी आत्मा ने फिर से शरीर में प्रवेश कर लिया। डॉक्टरों के अनुसार वह किसी भी क्षण मर सकती थी लेकिन मृत्यु के समीप पहुंचकर वापस आ गई ।
- इसे विज्ञान की भाषा में आउट ऑफ बॉडी एक्सपीरियेंस कहा जाता है ।
वैज्ञानिकों के अनुसार--
- व्यक्ति जिस वातावरण में पला-बढ़ा है, उसका धर्म और धार्मिक मान्यताएं, उसके मौत के निकट पहुंचकर होने वाले अनुभवों को बयां करते है।
- एक वयस्क जब नीयर डेथ एक्सपीरियंस का अनुभव करता है तो इस अनुभव में उसका मौत का डर, सामाजिक और धार्मिक वातावरण बहुत मायने रखता है।
- लेकिन जब एक छोटा बच्चा इन अनुभवों से गुजरता है तो उसे कैसा महसूस होता है, क्योंकि उसे ना तो मौत का अर्थ पता होता है और ना ही उसे किसी प्रकार से धर्म का कोई जुड़ाव होता है।
स्वर्ग और नर्क--
- हर धर्म में आत्मा के दो स्थानों का जिक्र किया गया है, एक नरक और दूसरा स्वर्ग।
- ऐसा कहा जाता है कि जीवन में अच्छे कर्म करने वाले लोगों की आत्माएं स्वर्ग की ओर प्रस्थान करती हैं वहीं बुरे कर्म करने वाली आत्माएं नर्क जाती हैं।
- व्यक्ति बहुत अच्छे से जानता है कि जीवनभर उसके कर्म अच्छे थे या बुरे। शायद उससे बेहतर कोई और यह बात जान भी नहीं सकता, इसलिए जब मौत उसके निकट होती है तब उसकी आत्मा अपने कर्मों के आधार पर ही स्वर्ग या नरक जाने की यात्रा शुरू कर देती है।
यूरिड मीडिया डेस्क--
जीवन का सत्य है मृत्यु । हमारे जीवन में जन्म लेने के साथ ही म्रत्यु का समय भी निशचित होता है और इस मौत से हर किसी को डर भी लगता है। मौत व्यक्ति को उसके जीवन की सच्चाई बताती है। हर कोई जनना चाहता है कि आखिर मृत्यु के बाद क्या होता है। कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनको मृत्यु होने से पहले ही संकेत हो जाता है। आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि आखिर मौत आने पर क्या महसूस होता है, जिससे लगता है कि अब हमारी ज़िंदगी बस कुछ ही पलों की बची है ।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पांच से सात साल तक के बच्चे मृत्यु को नहीं समझते और ना ही उन्हें पूर्वजन्म की अवधारणा से कुछ लेना-देना होता है,
इसलिए उनके भीतर किसी प्रकार का भय नहीं होता। उन्हें भी कुछ ऐसे ही अनुभव होते हैं जो किसी वयस्क को हो सकते हैं ।
इसलिए उनके भीतर किसी प्रकार का भय नहीं होता। उन्हें भी कुछ ऐसे ही अनुभव होते हैं जो किसी वयस्क को हो सकते हैं ।
कैसे होता है, मृत्यु का आभास--
- मौत के बारे में अलग-अलग तरह से उल्लेख पढ़ने को मिलते हैं ।
- कुछ लोग मृत्यु के पूर्व आभासों को नहीं मानते, लेकिन साइंस ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि मरने के कुछ पल पहले इंसान कुछ सोचता है ।
- मौत के करीब पहुंच कर व्यक्ति शरीर के साथ आत्मा के मरने का भी अनुभव करता है ।
- कई बार ऐसी घटनाएं घटित होती हैं जब मौत के मुंह में पहुंचने के बाद व्यक्ति को जीवनदान मिल जाता है ।
- आपने कई किस्से सुने होंगे जब अंतिम संस्कार के समय ही व्यक्ति दोबारा जीवित हो उठता है ।
- इन्हीं लोगों के साक्षात्कार के आधार पर प्राप्त परिणामों को वैज्ञानिकों ने अपने शोध की स्थापनाएं बनाया है ।
क्या आपने आत्मा को उड़ते देखा --
- एक सूचना के मुताबिक बताया जा रहा है कि अमेरिका में रहने वाली एक महिला जो कि वेंटिलेटर पर अपनी आखिरी सांसे ले रही थी ।
- इस महिला की आंखों की रोशनी बहुत कमजोर थी, बावजूद इसके उसने महसूस किया कि वह अपने पीछे रखी मशीन पर लिखे अंक देख पा रही है ।
- यही नहीं उसने खुद को ऊपर की ओर उड़ता हुआ देखा ।
- कुछ देर बाद उसकी आत्मा ने फिर से शरीर में प्रवेश कर लिया। डॉक्टरों के अनुसार वह किसी भी क्षण मर सकती थी लेकिन मृत्यु के समीप पहुंचकर वापस आ गई ।
- इसे विज्ञान की भाषा में आउट ऑफ बॉडी एक्सपीरियेंस कहा जाता है ।
वैज्ञानिकों के अनुसार--
- व्यक्ति जिस वातावरण में पला-बढ़ा है, उसका धर्म और धार्मिक मान्यताएं, उसके मौत के निकट पहुंचकर होने वाले अनुभवों को बयां करते है।
- एक वयस्क जब नीयर डेथ एक्सपीरियंस का अनुभव करता है तो इस अनुभव में उसका मौत का डर, सामाजिक और धार्मिक वातावरण बहुत मायने रखता है।
- लेकिन जब एक छोटा बच्चा इन अनुभवों से गुजरता है तो उसे कैसा महसूस होता है, क्योंकि उसे ना तो मौत का अर्थ पता होता है और ना ही उसे किसी प्रकार से धर्म का कोई जुड़ाव होता है।
स्वर्ग और नर्क--
- हर धर्म में आत्मा के दो स्थानों का जिक्र किया गया है, एक नरक और दूसरा स्वर्ग।
- ऐसा कहा जाता है कि जीवन में अच्छे कर्म करने वाले लोगों की आत्माएं स्वर्ग की ओर प्रस्थान करती हैं वहीं बुरे कर्म करने वाली आत्माएं नर्क जाती हैं।
- व्यक्ति बहुत अच्छे से जानता है कि जीवनभर उसके कर्म अच्छे थे या बुरे। शायद उससे बेहतर कोई और यह बात जान भी नहीं सकता, इसलिए जब मौत उसके निकट होती है तब उसकी आत्मा अपने कर्मों के आधार पर ही स्वर्ग या नरक जाने की यात्रा शुरू कर देती है।
16th June, 2016