कोलकाता-- रविवार दोपहर करीब ढाई बजे मनोहर आइच का रविवार को निधन हो गया। मनोहर आइच बॉडीबिल्डर पॉकेट हरक्यूलिस के नाम से विख्यात थे। पॉकेट हरक्यूलिस की उम्र 102 वर्ष थी. बागुईहाटी में अपने निवास स्थान पर उन्होंने अंतिम सांस ली. 1952 में मनोहर आइच, स्वतंत्र भारत में पहली बार मिस्टर यूनिवर्स बने थे. चार फुट 11 इंच की लंबाई वाले मनोहर आइच को पॉकेट हरक्यूलिस भी कहा जाता था.
तीन बार जीता स्वर्ण पदक--
- एशियन गेम्स में तीन बार स्वर्ण पदक जीतने वाले श्री आइच का सिद्धांत, ‘व्यायाम करो और खुश रहो’ का था.
- 1914 के 17 मार्च को मौजूदा बांग्लादेश के कुमिल्ला धामटी गांव में उनका जन्म हुआ था.
- उस वक्त व्यायाम या बॉडी बिल्डिंग के संबंध में लोगों की जागरूकता नहीं थी.
- हालांकि श्री आइच शुरू से ही बॉडी बिल्डिंग के साथ जुड़ गये.
ब्रिटिश सेना में शामिल--
- 1942 में ब्रिटिश सेना में रॉयल एयर फोर्स में वह शामिल हुए थे.
- लेकिन एक ब्रिटिश अधिकारी को थप्पड़ मारने पर उन्हें जेल हो गयी थी.
- लेकिन जेल में भी वह नियमित तौर पर व्यायाम करते थे.
- जेलर ने इसपर खुश होकर खाने के लिए विशेष भोजन देने का प्रबंध किया था।
- मनोहर आइच, दिवंगत पीसी सरकार सीनियर के साथ बॉडी बिल्डिंग का शो भी करते थे.
- पीसी सरकार सीनियर जादू का शो करते और श्री आइच बॉडी बिल्डिंग की नुमाइश करते.
- उस शो का नाम फिजिक एंड मैजिक था.
मिस्टर हरक्यूलिस का खिताब जीता--
- 1950 में मनोहर आइच ने मिस्टर हरक्यूलिस का खिताब जीता.
- तब उनकी उम्र 38 थी. उस वर्ष वह मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे थे.
- लेकिन लंदन में ट्रेनिंग लेर 1952 में पहली बार मिस्टर यूनिवर्स बनने का अवसर उन्हें मिला.
- इसके बाद 1955 व 1960 में वह मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में क्रमश: तृतीय व पांचवें स्थान पर रहें.
- इतना ही नहीं श्री आइच, विश्व चैंपियनशिप में स्प्रिंग पुलिंग में भी विजेता हुए.
5th June, 2016