यूरिड मीडिया डेस्क-- लव मैरेज vs अरेंज मैरेज कौन-सा लड्डू खाने में है बेहतर, यें हमेशा ही चर्चा का विषय रेहता है और कौन सा लड्डू खाया जाए इसको लेकर हमेशा ही कन्फयूजन बनी रहती है। हम आपको बता रहे दोनों लड्डू के स्वाद के बारे में जिससें आपको कौन सा लड्डू खाना चाहिए यें पता चल सकेगा।
अरेंज मैरेज का लड्डू -
- आज का समाज जितना भी आधुनिक हो गया हो अरेंज मैरेज अब भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है। समाज अब भी अरेंज मैरेज को सम्मान के नजर से ही देखते हैं। समाज और माता-पिता के नजरिए से देखें तो उनका कहना यह होता है कि वे रिश्तों को अच्छी तरह से समझते हैं इसलिए उनका चुनाव ही सबसे सटिक होगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या हमेशा यह चुनाव सही होता है?
- अरेंज मैरेज में लड़के-लड़की के घरवाले एक दूसरे के वंश को देखते हैं और उसके आधार पर ही वैवाहिक संबंध निश्चित करते हैं।
- पहले के जमाने में घरवाले वंश के बारे में जानकारी लेते वक्त इस बात का खास ध्यान रखते थे कि कोई खास बीमारी उस वंश में है कि नहीं। क्योंकि उस बीमारी का खतरा आने वाले प्रजन्म को भी उठाना पड़ सकता है।
- आज का विज्ञान यह बताता है कि अगर माँ को कैंसर हुआ है तो बेटे को कैंसर होने का खतरा हो सकता है और अगर पिता को कैंसर हुआ है तो बेटी को कैंसर का खतरा हो सकता हैं। इसलिए दोनों के तरफ के वंश के बारे में सारी जानकारी लेनी ज़रूरी हो जाती है।
- दूसरे तरफ घरवाले लड़के के आर्थिक अवस्था के भी बारे में पूरी जानकारी लेते हैं ताकि उनकी लड़की सारी जिंदगी सुखी रहें।
- अगर लड़के लड़की के नजरिए से देखें तो दोनों एक दूसरे से अनजान होते हैं और शादी के पहले की मुलाकात एक दूसरे को अच्छी तरह से समझने के लिए काफी नहीं होता है।
- शादी के बाद ही सुहाग रात में उनका एक दूसरे से परिचय होता है। उस अनजान अवस्था से गुजरना हर लड़की के लिए बहुत ही मुश्किल होता है। अपने जीवनसाथी के बारे में पूरी तरह से अनजान होने के कारण वे अपने उस यादगार रात की शुरूआत भय के भावना से करती हैं, जो उनके वैवाहिक जीवन के लिए कभी-कभी बाद में समस्या पैदा करता है।
- जिसप्रकार लड़की लड़के के आदतों से अनजान होती हैं उसी तरह लड़के भी अपने जीवनसाथी के बारे में बिल्कुल अनजान होने के कारण अपने शादी-शुदा जीवन की शुरूआत एक झिझक से करते हैं। उन्हें समझ में नहीं आता कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। सिर्फ परिवार वालों के सिखाये हुए बातों पर चलने की कोशिश करते हैं जो उनके वैवाहिक जीवन में समस्या पैदा करने लगते हैं।
- अरेंज मैरेज में सकारात्मक पक्ष यह होता है कि दोनों परिवार लड़का-लड़की को दिल से स्वीकार करते हैं। जिसके कारण वे उनके रिश्तों को सँवारने में उनकी मदद भी करते हैं।
लव मैरेज का लड्डू--
- समाज के कथन के अनुसार प्यार अंधा होता है। इस अवस्था में अच्छे-बूरे की पहचान ही नहीं रहती हैं। कुछ हद तक यह बात सच है लेकिन क्या हर क्षेत्र में ऐसा होता है?
- जो लोग बुद्धिमान होते हैं वे समझबुझकर अपने जीवनसाथी का चुनाव करते हैं। कौन उन्हें खुश रखेगा और कौन नहीं, यह सोचकर ही शादी करने का फैसला करते हैं।
- लेकिन सब मामलों में यह नहीं होता है प्यार के पक्षी प्यार में होश खो देते हैं और जब होश आता है तब सब कुछ बरबाद हो चुका होता है।
- लव मैरेज में दोनों तरफ के परिवार वालों की भूमिका कम होने के कारण वे दिल से रिश्तों को अपना नहीं पाते हैं जो वैवाहिक जीवन को निभाने में मुश्किलें पैदा करते हैं।
- लव मैरेज में एक दूसरे के खानदान के बारे में बिल्कुल अनभिज्ञ होने के कारण रिश्तों को निभाना मुश्किल हो जाता है। जैसा कि बीमारी के बारे में बताया गया है लव मैरेज में इन सब बातों पर लड़का-लड़की बिल्कुल ध्यान नहीं देते हैं, जिसका भुगतान अगले प्रजन्म को करना पड़ता है।
- लेकिन लव मैरेज के कुछ सकारात्मक पक्ष भी है। लड़का-लड़की एक दूसरे को अच्छी तरह से जान पहचान पाते हैं। रिश्तों को निभाने में एक दूसरे का साथ दे पाते हैं।
- जिंदगी का हर फैसला दोनों मिलकर करते हैं इसलिए वाद-विवाद का स्थान कम होता है।
5th June, 2016