यूरिड क्राइम डेस्क-- यह घटना एक घर की हैं जहाँ मां और बेटी के बीच मुहब्बत की बिसात पर शह-मात की बाजी सजी थी। इस लव ट्रायंगल में एक तरफ मां थी, तो दूसरी तरफ उसकी बेटी, और इसी में था वो आशिक, जिसे माँ और बेटी दोनों ही चाहती थी। और अंत में इस लव स्टोरी का अंत इतना खौफनाक हुआ जिसे सुन सब के रोंगटे खड़े हो गए। क्योंकि इस लव स्टोरी में माँ ने शह-मात के इस घिनोने खेल में अपनी मुहब्बत के लिए खुद अपने हाथों से अपनी जवान बेटी का कत्ल कर दिया।
फेसबुक से बनी लव स्टोरी--
- इस लव स्टोरी की शुरुवात फेसबुक की दुनिया में खोकर हुई।
- पंजाब की एक हाउसवाइफ मंजू ने भी बड़े शौक से अपना एक फेसबुक अकाउंट बनाया था।
- इस फेसबुक एकाउंट में धीमे धीमे फ्रेंड लिस्ट बढ़ने लगी और उसी फ्रेंड लिस्ट में था मंजू का वह दोस्त जिससे उसकी दोस्ती कुछ हट कर थी।
- उस आशिक का नाम था विजय , जो हिंदुस्तान की सरहद से मीलों दूर सऊदी अरब में रहता था।
- पहले कुछ दिनों तक तो दोनों की बात हुई और बाद में मुलाक़ात का दौर शुरू हुआ।
- ना जाने कब इंटरनेट की दुनिया से दोनों एक दुसरे के करीब आ गए, ये उन्हें भी नहीं पता चल पाया।
- लेकिन इधर, इन दोनों का प्यार परवान चढ़ रहा था और उधर तकदीर इस लव स्टोरी के लिए कुछ और ही प्लान किए बैठी थी।
वारदात--
- मंजू का आशिक विजय हिंदुस्तान लौटनेवाला था।
- विजय हरियाणा के रेवाड़ी का रहनेवाला था।
- लेकिन महीनों से फेसबुक की चैटिंग के बाद अब दोनों एक-दूसरे से मिलने को बेकरार थे।
- मंजू ने विजय को अपने घर अबोहर आने की दावत दी और विजय ने ये न्यौता कुबूल भी कर लिया।
- मंजू के पति की पहले ही मौत हो चुकी थी।
- मंजू 17 साल की बेटी दीक्षा के साथ अकेली रहती थी।
- अब मंजू और विजय करीब पांच महीनों से साथ ही रह रहे थे।
बेटी की अचानक रहस्यमयी तरीके से मौत--
- इसी बिच मंजू की जवान बेटी दीक्षा की अचानक रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई।
- दीक्षा अपने कमरे में फंसी फंदे से लटकती हुई मिली।
- दीक्षा के कमरे में एक सुसाइड नोट भी मिला।
- पहली नजर में तो यह मामला सुसाइड का ही था।
पुलिस भी गई चौंक--
- लेकिन जैसे ही तफ्तीश आगे बढ़ी पुलिस की नजर एक ऐसी चीज पर पड़ी कि वो चौंक गए।
- दीक्षा की बांह पर एक ऐसा लफ्ज लिखा था जिसे देख उनका माथा ठनक गया।
- 17 साल की दीक्षा ने किसी धारदार चीज से अपनी बांह पर विजय लिख रखा था।
- यहाँ मामला गहराया जिसमे विजय तो दीक्षा की मां मंजू का आशिक था।
क्या था मौत का सच--
- लेकिन दीक्षा ने अपनी बांह पर विजय का नाम क्यों लिखा?
- क्या दीक्षा भी अपनी मां के आशिक विजय से ही प्यार करती थी? या फिर दीक्षा की मौत का सच कुछ और था?
- पुलिस को मिला फर्जी सुसाइड नोट।
- दीक्षा का जो सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा गया जिसमें उसमें उसकी खुदकुशी की वजह पुश्तैनी जायदाद ना मिलने को बताई गई थी।
- इस मौत के लिए उसकी दादा-दादी, ताऊ-ताई और बुआ जिम्मेदार है।
- लेकिन महज 17 साल की उम्र में प्रॉपर्टी के लिए जान देने की बात भी पुलिस को जरा अजीब लग रही थी।
- जब पुलिस ने दीक्षा के हाथ पर गुदे विजय के नाम को लेकर तफ्तीश आगे बढ़ाई, तो उसे इस लड़की की मौत की कहानी पता चली।
- आखिर मौत का मामला सामने आ ही गया।
- दीक्षा ने खुदकुशी नहीं थी, बल्कि उसका कत्ल हुआ था।
- इस मौत की रंजिश खुद उसकी माँ ने रची थी।
- मंजू अपने आशिक के साथ मिलकर अपनी बेटी का कत्ल तो किया ही, वही बचने के लिए कत्ल को खुदकुशी का रंग देकर झूठे सुसाइड नोट में तमाम ससुरालवालों के नाम भी लिख दिए।
मां-बेटी की होती थी झड़प--
- मंजू के आशिक विजय के उसके घर आते ही मंजू की बेटी दीक्षा भी उसे चाहने लगी थी।
- जब मंजू को ये बात पता चली तो वो दीक्षा पर आगबबूला हो गई।
- मंजू विजय से शादी करना चाहती थी और उसकी बेटी दीक्षा भी।
- दीक्षा ने अपनी मां मंजू और विजय को आपत्तिजनक हालत में देख लिया।
- माँ मंजू ने अपने आशिक विजय के साथ मिलकर दीक्षा का गला घोंट दिया।
- फिर मामले को खुदकुशी का रंग देने के लिए लाश फंदे से टांग दी।
- और ससुरालवालों को फंसाने के लिए विजय से सुसाइड नोट में उनका नाम लिखवा दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट--
- पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में इस मौत की लव स्टोरी का मामला साफ हुआ।
- पता चला की दीक्षा की मौत फंसी के फंदे से लटकर नहीं बल्कि मौत की वज़ह गला घोंटे जाने से और साँस न ले पाने से हुई हैं।
3rd June, 2016