यूरीड मीडिया- बाबा रामदेव की कम्पनी "पंतजलि" के शहद का सैंपल जांच में फेल पाया गया है। शहद में सुक्रोज की मात्रा दोगुनी से भी ज्यादा थी। कंपनी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में भ्रामक विज्ञापन मामले की चल रही सुनवाई के बीच अब पंतजलि के शहद का सैंपल जांच में फेल पाया गया है। जिसके बाद कंपनी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।ये सैंपल करीब 4 साल पहले जांच के लिए पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट में स्थित एक पतंजलि केंद्र से लिया गया था।
डीडीहाट में स्थित पतंजलि केंद्र से शहद का नमूना लेने के बाद इसे रुद्रपुर लैब में जांच के लिए भेजा गया था। जहां पर जांच में शहद का नमूना फेल पाया गया। शहद में सुक्रोज की मात्रा दोगुनी से भी ज्यादा थी। मामले में शुक्रवार (12 अप्रैल) को न्याय निर्णायक अधिकारी ने डीडीहाट के विक्रेता और रामनगर की डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी आरके शर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई, 2020 में खाद्य विभाग ने डीडीहाट स्थित गौरव ट्रेडिंग कंपनी से पैक्ड पतंजलि शहद का सैंपल लिया था। जिसे जांच के लिए रुद्रपुर भेजा गया था। जांच में पाया गया कि शहद में सुक्रोज की मात्रा तय मानक 5 फीसदी से ज्यादा करीब 11.1 प्रतिशत है। नवंबर, 2021 में खाद्य विभाग ने संबंधित विक्रेता के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।मामले में 12 अप्रैल को फैसला आया है। जिसमें न्याय निर्णायक अधिकारी और एडीएम डॉ. एसके बरनवाल ने फैसला सुनाया है। न्याय निर्णायक अधिकारी ने विक्रेता गौरव ट्रेडिंग पर 40 हजार और सुपर स्टॉकिस्ट कान्हाजी डिस्ट्रीब्यूटर रामनगर पर 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
डीडीहाट में स्थित पतंजलि केंद्र से शहद का नमूना लेने के बाद इसे रुद्रपुर लैब में जांच के लिए भेजा गया था। जहां पर जांच में शहद का नमूना फेल पाया गया। शहद में सुक्रोज की मात्रा दोगुनी से भी ज्यादा थी। मामले में शुक्रवार (12 अप्रैल) को न्याय निर्णायक अधिकारी ने डीडीहाट के विक्रेता और रामनगर की डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी आरके शर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई, 2020 में खाद्य विभाग ने डीडीहाट स्थित गौरव ट्रेडिंग कंपनी से पैक्ड पतंजलि शहद का सैंपल लिया था। जिसे जांच के लिए रुद्रपुर भेजा गया था। जांच में पाया गया कि शहद में सुक्रोज की मात्रा तय मानक 5 फीसदी से ज्यादा करीब 11.1 प्रतिशत है। नवंबर, 2021 में खाद्य विभाग ने संबंधित विक्रेता के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।मामले में 12 अप्रैल को फैसला आया है। जिसमें न्याय निर्णायक अधिकारी और एडीएम डॉ. एसके बरनवाल ने फैसला सुनाया है। न्याय निर्णायक अधिकारी ने विक्रेता गौरव ट्रेडिंग पर 40 हजार और सुपर स्टॉकिस्ट कान्हाजी डिस्ट्रीब्यूटर रामनगर पर 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
15th April, 2024