यूरीड मीडिया-आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान के अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज, लखनऊ द्वारा वन विभाग एवं लोक भारती के सहयोग से गुलजार उपवन में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायू परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अरूण कुमार सक्सेना जी ने हरिशंकरी के 3 वृक्ष जमीन में रोपे।
ब्रह्मकुमारीज राधा दीदी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा वृक्ष हमारे जीवन का आधार हैं। लकड़ी के झूले से ही हम जीवन का आरंभ करते हैं और इसी लकड़ी की शैया पर लकड़ियों द्वारा हम जला दिया जाते हैं. वृक्ष हमारे पास साथ जीवन के प्रारंभ से अंत तक साथ रहते हैं। इसी प्रकार परमात्मा स्वयं बीज रूप में सृष्टि पर आकर कल्प वृक्ष रुपी सृष्टि वृक्ष की स्थापना करते हैं। महात्मा बुद्ध को भी वृक्ष के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. लेकिन समय के साथ-साथ हमारी आर्थिक आकांक्षा ने इस नैसर्गिक संपत्ति का विनाश करना शुरू कर दिया है। वृक्ष हमारे लिए छोटे भाई बहनों जैसे हैं जो धरती मां की छाती से चिपके हुए रहते हैं. हमें इनकी रक्षा एक परिवार की तरह ही करनी चाहिए। हमारी मानसिक तरंगों का भी प्रभाव वृक्षों के ऊपर पड़ता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि हमारे मानसिक तरंगों का 70% तक प्रभाव वृक्षों के ऊपर पड़ता है तो हम उनके अस्तित्व की रक्षा करने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी उनका पालन पोषण करें।
ईवा शर्मा, मिशन डायरेक्टर ने मिशन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया की 35 करोड़ वृक्षों के लक्ष्य में 30 करोड़ वृक्षों का रोपण किया जा चुका है। इसी क्रम में 8 अगस्त से 15 अगस्त तक हरिशंकर वृक्षारोपण सप्ताह मनाया जा रहा है।
लोक भारती अध्यक्ष पार्थ गौतम जी ने हरिशंकरी वृक्ष के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह पीपल , पाकड़ एवं बरगद तीनों वृक्षों को एक साथ लगाने पर यह वृक्ष तैयार होता है जिसमें 12 महीनों छाया रहती है जिसका आश्रय पशु, पक्षी , मनुष्य सभी पाते हैं. इसकी जड़ों में भी भूमिगत जल एकत्र हो जाता है।
ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्रों से आए लगभग 100 भाई-बहन गुलजार उपवन में एकत्रित हुए, जिन को संबोधित करते हुए मंत्री महोदय ने ब्रह्माकुमारीज इस आयोजन के लिए एवं उनके समाज में उनके योगदान के लिए उनको बहुत-बहुत बधाई देते हुए बताया कि जो एक बार ब्रम्हाकुमारीज जुड़ गया उसकी सभी मानसिक और कुछ हद तक शारीरिक समस्याएं भी निश्चित रूप से दूर हो जाती हैं. हरिशंकरी वृक्ष स्थल आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए सामाजिक स्थल के रूप में विकसित हो सकते हैं और साथ-साथ पर्यावरण एवं विकास कार्य में भी सहयोग देते हैं. पेड़ों के रोपण के साथ-साथ उन्होंने उनके संरक्षण पर भी जोर दिया. जनता को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा, शादी या बच्चा होने पर भी वृक्षारोपण करना चाहिए जिससे कि जब व्यक्ति की उम्र बढ़े तो उसको याद रहे कि इस खास अवसर पर यह वृक्ष लगाया गया था। जब तक जिए पेड़ लगाइए। व्यक्ति बिना ऑक्सीजन के कुछ मिनटों तक भी जीवित नहीं रह सकता है और हरिशंकरी का वृक्ष छाया, ठंडक के साथ-साथ भरपूर ऑक्सीजन भी देता है और कार्बन डाइऑक्साइड खत्म करता है।
कार्यक्रम के अंत में लगभग 10 ग्राम प्रधानों को हरिशंकरी वृक्ष माननीय राज्यमंत्री, अरूण जी द्वारा प्रदान किए गए। श्रीकृष्ण चौधरी, राष्ट्रीय संयोजक, लोकभारती एवं वन विभाग के कई वरिष्ठ पदाधिकारी विशेष अतिथियों के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे. कार्यक्रम का सफल मंच संचालन शोभित नारायण जी ने किया. स्वर्णलता दीदी द्वारा कराए गए राजयोग के सामूहिक अभ्यास के साथ कार्यक्रम का सुंदर समापन हुआ।
ब्रह्मकुमारीज राधा दीदी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा वृक्ष हमारे जीवन का आधार हैं। लकड़ी के झूले से ही हम जीवन का आरंभ करते हैं और इसी लकड़ी की शैया पर लकड़ियों द्वारा हम जला दिया जाते हैं. वृक्ष हमारे पास साथ जीवन के प्रारंभ से अंत तक साथ रहते हैं। इसी प्रकार परमात्मा स्वयं बीज रूप में सृष्टि पर आकर कल्प वृक्ष रुपी सृष्टि वृक्ष की स्थापना करते हैं। महात्मा बुद्ध को भी वृक्ष के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. लेकिन समय के साथ-साथ हमारी आर्थिक आकांक्षा ने इस नैसर्गिक संपत्ति का विनाश करना शुरू कर दिया है। वृक्ष हमारे लिए छोटे भाई बहनों जैसे हैं जो धरती मां की छाती से चिपके हुए रहते हैं. हमें इनकी रक्षा एक परिवार की तरह ही करनी चाहिए। हमारी मानसिक तरंगों का भी प्रभाव वृक्षों के ऊपर पड़ता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि हमारे मानसिक तरंगों का 70% तक प्रभाव वृक्षों के ऊपर पड़ता है तो हम उनके अस्तित्व की रक्षा करने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी उनका पालन पोषण करें।
ईवा शर्मा, मिशन डायरेक्टर ने मिशन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया की 35 करोड़ वृक्षों के लक्ष्य में 30 करोड़ वृक्षों का रोपण किया जा चुका है। इसी क्रम में 8 अगस्त से 15 अगस्त तक हरिशंकर वृक्षारोपण सप्ताह मनाया जा रहा है।
लोक भारती अध्यक्ष पार्थ गौतम जी ने हरिशंकरी वृक्ष के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह पीपल , पाकड़ एवं बरगद तीनों वृक्षों को एक साथ लगाने पर यह वृक्ष तैयार होता है जिसमें 12 महीनों छाया रहती है जिसका आश्रय पशु, पक्षी , मनुष्य सभी पाते हैं. इसकी जड़ों में भी भूमिगत जल एकत्र हो जाता है।
ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्रों से आए लगभग 100 भाई-बहन गुलजार उपवन में एकत्रित हुए, जिन को संबोधित करते हुए मंत्री महोदय ने ब्रह्माकुमारीज इस आयोजन के लिए एवं उनके समाज में उनके योगदान के लिए उनको बहुत-बहुत बधाई देते हुए बताया कि जो एक बार ब्रम्हाकुमारीज जुड़ गया उसकी सभी मानसिक और कुछ हद तक शारीरिक समस्याएं भी निश्चित रूप से दूर हो जाती हैं. हरिशंकरी वृक्ष स्थल आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए सामाजिक स्थल के रूप में विकसित हो सकते हैं और साथ-साथ पर्यावरण एवं विकास कार्य में भी सहयोग देते हैं. पेड़ों के रोपण के साथ-साथ उन्होंने उनके संरक्षण पर भी जोर दिया. जनता को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा, शादी या बच्चा होने पर भी वृक्षारोपण करना चाहिए जिससे कि जब व्यक्ति की उम्र बढ़े तो उसको याद रहे कि इस खास अवसर पर यह वृक्ष लगाया गया था। जब तक जिए पेड़ लगाइए। व्यक्ति बिना ऑक्सीजन के कुछ मिनटों तक भी जीवित नहीं रह सकता है और हरिशंकरी का वृक्ष छाया, ठंडक के साथ-साथ भरपूर ऑक्सीजन भी देता है और कार्बन डाइऑक्साइड खत्म करता है।
कार्यक्रम के अंत में लगभग 10 ग्राम प्रधानों को हरिशंकरी वृक्ष माननीय राज्यमंत्री, अरूण जी द्वारा प्रदान किए गए। श्रीकृष्ण चौधरी, राष्ट्रीय संयोजक, लोकभारती एवं वन विभाग के कई वरिष्ठ पदाधिकारी विशेष अतिथियों के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे. कार्यक्रम का सफल मंच संचालन शोभित नारायण जी ने किया. स्वर्णलता दीदी द्वारा कराए गए राजयोग के सामूहिक अभ्यास के साथ कार्यक्रम का सुंदर समापन हुआ।
8th August, 2022