यूरीड मीडिया-बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को दावा किया कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी 2007 से भी अधिक मजबूत सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि संविधान को सड़कों पर उतरकर नहीं, बल्कि सत्ता परिवर्तन करके बचाया जा सकता है। मायावती ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 65वीं पुण्यतिथि पर दावा किया कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बीएसपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी और यह सरकार 2007 में बनी स्पष्ट बहुमत की उसकी सरकार के मुकाबले ज्यादा मजबूत होगी।
मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तराखंड में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी और पंजाब में गठबंधन की मजबूत सरकार बनाएगी। उत्तराखंड में बीएसपी सभी सीटों पर अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन कर चुनाव लड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी और अन्य दलों पर दलितों को संविधान में दिए गए उनके कानूनी अधिकारों का पूरा लाभ नहीं देने का आरोप लगाया।
जब मायावती से यह सवाल किया गया कि 'संविधान बचाने के लिए' बीएसपी सड़कों पर कब उतरेगी, तो उन्होंने कहा, "सड़कों पर उतरने से काम नहीं चलेगा, सत्ता परिवर्तन करने से चलेगा. जब सत्ता परिवर्तन हो जाएगा, तो संविधान बच जाएगा। आम्बेडकर के विरोधी लोग सत्ता में बैठे हैं तो हम सड़कों पर उतर कर क्या करेंगे।" उन्होंने कहा कि संविधान के हिसाब से नहीं चल रही सरकारों का एकमात्र इलाज यही है कि उन्हें सत्ता से बाहर किया जाए, तभी संविधान के मुताबिक काम किया जा सकता है।
समान नागरिक संहिता के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मायावती ने कहा, "जब ऐसा कोई कानून आएगा, तभी सवाल पूछिएगा। आप केंद्र सरकार को तैयार कर रहे हैं कि वह जल्द यह कानून ले आए।" मायावती ने रविवार को चंदौली में सपा (समाजवादी पार्टी) कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस कर्मियों से कथित रूप से दुर्व्यवहार किए जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा, "विजय रथ यात्रा निकाल रही इस पार्टी को चुनाव में जीत भी नहीं मिली है, लेकिन उसका अभी से यह हाल है. सपा चाहे किसी से भी गठबंधन कर ले, लेकिन जनता को मालूम है कि उसके शासनकाल में गुंडागर्दी चरम सीमा पर थी।" उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी लपेटते हुए कहा कि भाजपा चाहे कानून का राज होने के कितने भी दावे करे, मगर हकीकत यह है कि कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता, जब प्रदेश के तमाम जिलों में कमजोर वर्गों पर किसी न किसी रूप में ज्यादती न होती हो।
मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तराखंड में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी और पंजाब में गठबंधन की मजबूत सरकार बनाएगी। उत्तराखंड में बीएसपी सभी सीटों पर अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी और पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन कर चुनाव लड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी और अन्य दलों पर दलितों को संविधान में दिए गए उनके कानूनी अधिकारों का पूरा लाभ नहीं देने का आरोप लगाया।
जब मायावती से यह सवाल किया गया कि 'संविधान बचाने के लिए' बीएसपी सड़कों पर कब उतरेगी, तो उन्होंने कहा, "सड़कों पर उतरने से काम नहीं चलेगा, सत्ता परिवर्तन करने से चलेगा. जब सत्ता परिवर्तन हो जाएगा, तो संविधान बच जाएगा। आम्बेडकर के विरोधी लोग सत्ता में बैठे हैं तो हम सड़कों पर उतर कर क्या करेंगे।" उन्होंने कहा कि संविधान के हिसाब से नहीं चल रही सरकारों का एकमात्र इलाज यही है कि उन्हें सत्ता से बाहर किया जाए, तभी संविधान के मुताबिक काम किया जा सकता है।
समान नागरिक संहिता के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मायावती ने कहा, "जब ऐसा कोई कानून आएगा, तभी सवाल पूछिएगा। आप केंद्र सरकार को तैयार कर रहे हैं कि वह जल्द यह कानून ले आए।" मायावती ने रविवार को चंदौली में सपा (समाजवादी पार्टी) कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस कर्मियों से कथित रूप से दुर्व्यवहार किए जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा, "विजय रथ यात्रा निकाल रही इस पार्टी को चुनाव में जीत भी नहीं मिली है, लेकिन उसका अभी से यह हाल है. सपा चाहे किसी से भी गठबंधन कर ले, लेकिन जनता को मालूम है कि उसके शासनकाल में गुंडागर्दी चरम सीमा पर थी।" उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी लपेटते हुए कहा कि भाजपा चाहे कानून का राज होने के कितने भी दावे करे, मगर हकीकत यह है कि कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता, जब प्रदेश के तमाम जिलों में कमजोर वर्गों पर किसी न किसी रूप में ज्यादती न होती हो।
6th December, 2021