यूरीड मीडिया- राम कृष्ण यादव उर्फ़ बाबा रामदेव के खिलाफ आईएमए के डॉक्टर राकेश गुप्ता ने थाना सिविल लाइन रायपुर छत्तीसगढ़ में मुकदमा दर्ज कराया है। FIR में ऐलोपैथ के खिलाफ दुष्प्रचार और तरह तरह के गंभीर आपत्तिजनक टिपण्णी एवं वीडियो वायरल करने के लिए रामदेव पर IPC की धारा 186 , 188 , 269 , 270 , 504 एवं 505 (1) तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51, 52, 54 दर्ज की गयी है इन धाराओं में 2 से लेकर 5 वर्ष तक की सज़ा और जुर्माने का प्रावधान है।
आईएमए के पदाधिकारी डॉक्टर राकेश गुप्ता की शिकायत पर प्रारंभिक जांच में की गयी शिकायत को छत्तीसगढ़ शासनादेश के अंतर्गत सही पाया गया जिसके बाद FIR दर्ज हुई। शिकायत कर्ता ने अपनी शिकायत में लिखा है -
26.05.2021 को अनावेदक रामकृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव वल्द श्री रामनिवास यादव स्थाई पता सैय्यद अलीपुर करवा नागल चौधरी जिला महेन्दगढ हरियाणा अस्थायी पता पतंजलि योगपीठ, महर्षि दयानंद ग्राम, दिल्ली-हरिद्वार नेशनल हाइवे नियर बहदरबाद हरिद्वार (उत्तराखंड) द्वारा चिकित्सक समुदाय और कोरोना संक्रमण काल के दौरान दवाइयों के बारे मे दुष्प्रचार, केंद्रीय महामारी एक्ट का उल्लघन, विद्वेष की भावना से भ्रम फैलाने, आम जनता और स्वास्थ्य सेवाओ से जुड़े लोगों की जानमाल को खतरे में डालने के संबंध में लिखित शिकायत प्रस्तुत किया गया। शिकायत पत्र जांच पर पाया गया कि छ.ग. शासन के आदेश Government of Chhattisgarh Deptt. of Health and Family Welfare Mantralaya, Mahanadi Bhawan. Atal Nagar, Nava Raipur, Nava Raipur, Dated 13-03-2020 NOTIFICATION NO. F1-26/2020/17-1 के REGULATIONS NO. 6 पर स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि No person/institution/organization will use any print or electronic | media for information regarding COVID-19 without prior permission of Health Department. Chhattisgarh. This is to avoid spread of any rumour or unauthenticated information regarding COVID-19. In case, any person/institution/organization is found indulging in such activity, it will be treated as a punishable offence under these regulations का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया जी धारा 186, 188,269,270,504, 505 (1) भा.द.वि. तथा धारा 51, 52, 54 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं महामारी अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन पाये जाने से धारा सदर का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया जाता है। कारोना काल के दौरान दवाइयों के बारे मे दुष्प्रचार, केंद्रीय महामारी एक्ट का धन, विद्वेष की भावना से धमला आम जनता और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों की जानमाल को बारे मे डालने के बारे मे प्रकरण दर्ज करने के संबंध में है।
पिछले दिनो बाबा रामदेव द्वारा भारत देश के पूरे चिकित्सक समुदाय और भारतीय शासन और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च सहित विभिन्न अपणी संस्थानों द्वारा निर्देशित और करीब पिछले सवा साल से भी ज्यादा से प्रयोग की जा रही करोना संक्रमण में प्रयुक्त दवाओं के बारे मे दुखाचार और धमकी वाले वक्तव्य से भरा विडियो सोशल मीडिया मे प्रचारित किया जा रहा है। ऐसे दो तीन विडियो चलन में है। उदाहरण 1. https://youtu.be/VeUOnORXdiw 2. https://youtu.be/B LEY-gBHaA ऐसे अन्य कई वीडियो है। जैसा कि आपको जाता है कि पूरे देश का चिकित्सक और पैरामेडिकल सहित शासन प्रशासन के सभी अंग एक साथ मिल कर कोरोना संक्रमण से लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे समय में बाबा रामदेव द्वारा कहे गए वीडियो में केंद्रीय महामारी एक्ट, शासन द्वारा दिशा निर्देशित नीतियों के बारे में राजद्रोह और दवाइयों के बारे मे भ्रमपूर्ण वक्तव्य दिए जा रहे है। चिकित्सकों के बारे में कहे गए शब्द मानहानिकार विद्वेष से भरे हुए और उनके जीवन को खतरे में डालने वाले है। चिकित्सा जगत के खिलाफ उकसाने वाली भाषा के इस्तेमाल से चिकित्सक वर्ग अनायास ही उपदवी तत्वों के निशाने पर आ आएगा और देशभर में अशांति फैलने की आशंका है। बाबा रामदेव की धम पूर्ण जानकारी और वक्तव्य के कारण आधुनिक चिकित्सा पद्धति के प्रयोग से 90% से ज्यादा ठीक हो रहे मरीज आशंका की स्थिति में आ जाएंगे और उनकी जान को खतरा हो जाएगा। केंद्रीय महामारी एक्ट, राजदोह, दुष्प्रचार, विद्वेष की स्थिति निर्मिति के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के प्रति आम जन को उकसाने की यह कार्रवाई भारतीय आईटी एक का भी उल्लघन है। बाबा रामदेव के इस हरकत से ना केवल पूरा चिकित्सक पैरामेडिकल वर्ग उद्वेलित आकोशित है बल्कि देश में विपरित परिस्थितियों में संघर्ष करने में हतोत्साहित भी हो रहा है। आपसे अनुरोध है कि केंद्रीय महामारी एक्ट, राष्ट्रीय राजदोह, आईटी एक्ट, एलोपैथी दवाईयो और चिकित्सा पद्धति के संबंध में दुष्प्रचार व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगे के प्रति आम जन को जान माल की हानि के लिए उकसाने से संबंधित धाराओं में बाबा रामदेव के खिलाफ जुर्म दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी करें ताकि पूरा चिकित्सक, पैरामेडिकल और शासन प्रशासन के सभी अंग मिलकर कोरोना संक्रमण काल में अपनी लड़ाई जारी रख सके।
आईएमए के पदाधिकारी डॉक्टर राकेश गुप्ता की शिकायत पर प्रारंभिक जांच में की गयी शिकायत को छत्तीसगढ़ शासनादेश के अंतर्गत सही पाया गया जिसके बाद FIR दर्ज हुई। शिकायत कर्ता ने अपनी शिकायत में लिखा है -
26.05.2021 को अनावेदक रामकृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव वल्द श्री रामनिवास यादव स्थाई पता सैय्यद अलीपुर करवा नागल चौधरी जिला महेन्दगढ हरियाणा अस्थायी पता पतंजलि योगपीठ, महर्षि दयानंद ग्राम, दिल्ली-हरिद्वार नेशनल हाइवे नियर बहदरबाद हरिद्वार (उत्तराखंड) द्वारा चिकित्सक समुदाय और कोरोना संक्रमण काल के दौरान दवाइयों के बारे मे दुष्प्रचार, केंद्रीय महामारी एक्ट का उल्लघन, विद्वेष की भावना से भ्रम फैलाने, आम जनता और स्वास्थ्य सेवाओ से जुड़े लोगों की जानमाल को खतरे में डालने के संबंध में लिखित शिकायत प्रस्तुत किया गया। शिकायत पत्र जांच पर पाया गया कि छ.ग. शासन के आदेश Government of Chhattisgarh Deptt. of Health and Family Welfare Mantralaya, Mahanadi Bhawan. Atal Nagar, Nava Raipur, Nava Raipur, Dated 13-03-2020 NOTIFICATION NO. F1-26/2020/17-1 के REGULATIONS NO. 6 पर स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि No person/institution/organization will use any print or electronic | media for information regarding COVID-19 without prior permission of Health Department. Chhattisgarh. This is to avoid spread of any rumour or unauthenticated information regarding COVID-19. In case, any person/institution/organization is found indulging in such activity, it will be treated as a punishable offence under these regulations का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया जी धारा 186, 188,269,270,504, 505 (1) भा.द.वि. तथा धारा 51, 52, 54 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं महामारी अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन पाये जाने से धारा सदर का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया जाता है। कारोना काल के दौरान दवाइयों के बारे मे दुष्प्रचार, केंद्रीय महामारी एक्ट का धन, विद्वेष की भावना से धमला आम जनता और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों की जानमाल को बारे मे डालने के बारे मे प्रकरण दर्ज करने के संबंध में है।
पिछले दिनो बाबा रामदेव द्वारा भारत देश के पूरे चिकित्सक समुदाय और भारतीय शासन और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च सहित विभिन्न अपणी संस्थानों द्वारा निर्देशित और करीब पिछले सवा साल से भी ज्यादा से प्रयोग की जा रही करोना संक्रमण में प्रयुक्त दवाओं के बारे मे दुखाचार और धमकी वाले वक्तव्य से भरा विडियो सोशल मीडिया मे प्रचारित किया जा रहा है। ऐसे दो तीन विडियो चलन में है। उदाहरण 1. https://youtu.be/VeUOnORXdiw 2. https://youtu.be/B LEY-gBHaA ऐसे अन्य कई वीडियो है। जैसा कि आपको जाता है कि पूरे देश का चिकित्सक और पैरामेडिकल सहित शासन प्रशासन के सभी अंग एक साथ मिल कर कोरोना संक्रमण से लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे समय में बाबा रामदेव द्वारा कहे गए वीडियो में केंद्रीय महामारी एक्ट, शासन द्वारा दिशा निर्देशित नीतियों के बारे में राजद्रोह और दवाइयों के बारे मे भ्रमपूर्ण वक्तव्य दिए जा रहे है। चिकित्सकों के बारे में कहे गए शब्द मानहानिकार विद्वेष से भरे हुए और उनके जीवन को खतरे में डालने वाले है। चिकित्सा जगत के खिलाफ उकसाने वाली भाषा के इस्तेमाल से चिकित्सक वर्ग अनायास ही उपदवी तत्वों के निशाने पर आ आएगा और देशभर में अशांति फैलने की आशंका है। बाबा रामदेव की धम पूर्ण जानकारी और वक्तव्य के कारण आधुनिक चिकित्सा पद्धति के प्रयोग से 90% से ज्यादा ठीक हो रहे मरीज आशंका की स्थिति में आ जाएंगे और उनकी जान को खतरा हो जाएगा। केंद्रीय महामारी एक्ट, राजदोह, दुष्प्रचार, विद्वेष की स्थिति निर्मिति के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के प्रति आम जन को उकसाने की यह कार्रवाई भारतीय आईटी एक का भी उल्लघन है। बाबा रामदेव के इस हरकत से ना केवल पूरा चिकित्सक पैरामेडिकल वर्ग उद्वेलित आकोशित है बल्कि देश में विपरित परिस्थितियों में संघर्ष करने में हतोत्साहित भी हो रहा है। आपसे अनुरोध है कि केंद्रीय महामारी एक्ट, राष्ट्रीय राजदोह, आईटी एक्ट, एलोपैथी दवाईयो और चिकित्सा पद्धति के संबंध में दुष्प्रचार व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगे के प्रति आम जन को जान माल की हानि के लिए उकसाने से संबंधित धाराओं में बाबा रामदेव के खिलाफ जुर्म दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी करें ताकि पूरा चिकित्सक, पैरामेडिकल और शासन प्रशासन के सभी अंग मिलकर कोरोना संक्रमण काल में अपनी लड़ाई जारी रख सके।
17th June, 2021