यूरीड मीडिया- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का काम-काज जारी रहे।
सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 23 मार्च को लिखे पत्र में मंत्रालय ने कहा कि टीवी चैनलों, समाचार एजेंसियों जैसे ठोस एवं जरूरी सूचना देने वाले नेटवर्क समय से और प्रामाणिक सूचना पहुंचाने के बेहद आवश्यक माध्यम हैं।
पत्र में कहा गया है कि न केवल लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए बल्कि देश को ताजा स्थिति से अवगत रखने के लिए भी इन नेटवर्कों का उचित तरीके से कामकाज करना जरूरी है।
इसमें कहा गया कि झूठी और फर्जी खबरों से बचना होगा. मंत्रालय ने कहा, ‘अच्छी कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने की जरूरत है और ये नेटवर्क इस दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं।’
पत्र में राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से इन सेवाओं का परिचालन सुगमता से करने का आग्रह किया गया है. इन सेवाओं में टीवी चैनल, समाचार एजेंसियां, डिजिटल सेटेलाइट न्यूज गैदरिंग (डीएसएनजी), डीटीएच सेवा, केबल संचालक, एफएम और सामुदायिक रेडियो स्टेशन शामिल हैं।
पत्र में अनुरोध किया गया है कि अगर वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए किसी तरह की पाबंदी पर विचार किया जाता है तो ऐसे में इस तरह की सुविधाएं प्रदान करने वाले संचालकों को कामकाज की अनुमति होगी।
मंत्रालय ने अपने परामर्श में यह भी कहा कि मीडियाकर्मियों, डीएसएनजी तथा अन्य को लेकर जाने वाले वाहनों की आवाजाही सुगम बनानी होगी तथा इन सुविधाओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति एवं अन्य साजो-सामान की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
पत्र के अनुसार, ‘संबंधित सेवा प्रदाताओं को निर्बाध सेवाओं को मुहैया कराने में किसी तरह की समस्या आने पर स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय की सलाह दी जा रही है।’
मालूम हो कि भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
अब तक इसके संक्रमण के मामले बढ़कर 500 के पार हो चुके हैं और कम से कम नौ लोगों की मौत इस महामारी से हो चुकी है।
वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी है. वहीं पंजाब, महाराष्ट्र, पुदुचेरी और चंडीगढ़ में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में धारा 144 लागू है।
लोगों के अपने घरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं. केंद्र ने राज्यों को निषेधाज्ञा का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।
सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 23 मार्च को लिखे पत्र में मंत्रालय ने कहा कि टीवी चैनलों, समाचार एजेंसियों जैसे ठोस एवं जरूरी सूचना देने वाले नेटवर्क समय से और प्रामाणिक सूचना पहुंचाने के बेहद आवश्यक माध्यम हैं।
पत्र में कहा गया है कि न केवल लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए बल्कि देश को ताजा स्थिति से अवगत रखने के लिए भी इन नेटवर्कों का उचित तरीके से कामकाज करना जरूरी है।
इसमें कहा गया कि झूठी और फर्जी खबरों से बचना होगा. मंत्रालय ने कहा, ‘अच्छी कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने की जरूरत है और ये नेटवर्क इस दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं।’
पत्र में राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से इन सेवाओं का परिचालन सुगमता से करने का आग्रह किया गया है. इन सेवाओं में टीवी चैनल, समाचार एजेंसियां, डिजिटल सेटेलाइट न्यूज गैदरिंग (डीएसएनजी), डीटीएच सेवा, केबल संचालक, एफएम और सामुदायिक रेडियो स्टेशन शामिल हैं।
पत्र में अनुरोध किया गया है कि अगर वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए किसी तरह की पाबंदी पर विचार किया जाता है तो ऐसे में इस तरह की सुविधाएं प्रदान करने वाले संचालकों को कामकाज की अनुमति होगी।
मंत्रालय ने अपने परामर्श में यह भी कहा कि मीडियाकर्मियों, डीएसएनजी तथा अन्य को लेकर जाने वाले वाहनों की आवाजाही सुगम बनानी होगी तथा इन सुविधाओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति एवं अन्य साजो-सामान की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
पत्र के अनुसार, ‘संबंधित सेवा प्रदाताओं को निर्बाध सेवाओं को मुहैया कराने में किसी तरह की समस्या आने पर स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय की सलाह दी जा रही है।’
मालूम हो कि भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
अब तक इसके संक्रमण के मामले बढ़कर 500 के पार हो चुके हैं और कम से कम नौ लोगों की मौत इस महामारी से हो चुकी है।
वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी है. वहीं पंजाब, महाराष्ट्र, पुदुचेरी और चंडीगढ़ में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में धारा 144 लागू है।
लोगों के अपने घरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं. केंद्र ने राज्यों को निषेधाज्ञा का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।
25th March, 2020