यूरीड मीडिया-केंद्र की मोदी सरकार ने एयर इंडिया में 100 फीसदी विनिवेश को मंजूरी प्रदान कर दी है जो कंपनिया इसकी हिस्सेदारी खरीदना चाहती हैं, उन्हें 17 मार्च अपने दस्तावेज जमा कराने होंगे। सरकार के इस प्रस्ताव के खिलाफ भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी खड़े हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एयर इंडिया की 100 फीसदी इक्विटी शेयर पूंजी के प्रबंधन नियंत्रण और बिक्री के लिए 'सैद्धांतिक रूप से' स्वीकृति प्रदान कर दी है। मोदी सरकार एयर इंडिया एक्सप्रेस और AISATS में भी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। एयर इंडिया के संयुक्त उपक्रम AISATS में उसकी हिस्सेदारी 50 फीसदी है। इससे पहले एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के ड्राफ्ट को जीएमओ की बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी गई थी और इस महीने के आखिर तक इसे जारी करने की बात निकलकर सामने आई थी।
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट के जरिए फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह सौदा पूरी तरह से देश विरोधी है और मुझे कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हम परिवार की बेशकीमती चीज को नहीं बेच सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पहले भी एअर इंडिया को बेचने की सरकार की योजना से नाराजगी जता चुके हैं। माना जा रहा है कि केंद्र के इस फैसले को लेकर राजनीतिक और कानूनी अड़चन पैदा हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एयर इंडिया की 100 फीसदी इक्विटी शेयर पूंजी के प्रबंधन नियंत्रण और बिक्री के लिए 'सैद्धांतिक रूप से' स्वीकृति प्रदान कर दी है। मोदी सरकार एयर इंडिया एक्सप्रेस और AISATS में भी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। एयर इंडिया के संयुक्त उपक्रम AISATS में उसकी हिस्सेदारी 50 फीसदी है। इससे पहले एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के ड्राफ्ट को जीएमओ की बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी गई थी और इस महीने के आखिर तक इसे जारी करने की बात निकलकर सामने आई थी।
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट के जरिए फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह सौदा पूरी तरह से देश विरोधी है और मुझे कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हम परिवार की बेशकीमती चीज को नहीं बेच सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पहले भी एअर इंडिया को बेचने की सरकार की योजना से नाराजगी जता चुके हैं। माना जा रहा है कि केंद्र के इस फैसले को लेकर राजनीतिक और कानूनी अड़चन पैदा हो सकती है।
27th January, 2020