सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मामले को सात सदस्यीय पीठ के पास भेजने का आदेश दे दिया है। सबरीमाला मामले में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फरवरी में बहस पूरी कर ली थी और याचिकाओं के समूह पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला केस को बड़ी बेंच को सौंप दिया है। अब इस मामले को 7 जजों की बेंच सुनेगी। गुरुवार को पांच जजों की बेंच ने इस मामले को 3:2 के फैसले से बड़ी बेंच को सौंप दिया है। इसमें यह बात निकल कर आ रही है कि सुप्रीम कोर्ट अपने पिछले दिए निर्णय पर कायम है। आपको बताते जाए कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले निर्णय में सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्णय में कहा है कि केरल सरकार को तय करना है कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करवाएं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सबरीमाल मंदिर में प्रवेश को बरकरार रखा गया है।
सबरीमाला पुनर्विचार याचिका में 5 जजों में से सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस खानविलकर ने बहुमत में फैसला दिया है। जबकि जस्टिस फली नरीमन और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अलग से इस निर्णय के खिलाफ अपना फैसला दिया है।
14th November, 2019