यूरीड मीडिया-देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए आरे कॉलाेनी में पेड़ काटने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को पेड़ की कटाई रोकने के निर्देश दिए हैं। सर्वोच्च अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को पेड़ों की कटाई रोकने का आदेश दिया है। SC का आदेश है कि पेड़ों की कटाई को तुरंत रोका जाए और आगे कोई भी पेड़ नहीं काटा जाए।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर महाराष्ट्र सरकार ने हामी भरी है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह इस मामले को चेक करेंगे और आगे अपनी बात कहेंगे। अदालत ने कहा है कि अगर ये गलत है तो गलत है, चाहे एक प्रतिशत ही क्यों ना हो। अदालत ने इस दौरान महाराष्ट्र सरकार से हलफनामा मांगा है और मौजूदा स्थिति की जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट इस दौरान आरे कॉलोनी के संवेदनशील क्षेत्र होने पर फैसला करेगा। अब इस मामले की सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी। सभी गिरफ्तार आन्दोलनकारियों को निजी मुचलकों पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
पिछले एक हफ्ते से इस मामले पर मुंबई की सड़कों पर प्रदर्शन हो रहा है, कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से 2,646 पेड़ों को काटने की इजाजत मिली थी।
-सुप्रीम कोर्ट ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोकने से पहले याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया है कि इस मसले पर कई याचिकाएं दाखिल हुई हैं, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या हम सभी याचिकाएं सुनें या फिर किसी एक याचिका को सुने जिसमें सभी मुद्दे हो।
- आरे कॉलाेनी में धारा 144 लगा है।
- मुंबई मेट्रो-3 के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई है कि जो वादा किया था उसे पूरा किया है। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने मुंबई शहर में 24 हजार पेड़ लगाए हैं, इनमें आरे मिल्क कॉलोनी भी शामिल है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने पेड़ काटने का काम शुरू किया और अभी तक 2000 से अधिक पेड़ काटे भी जा चुके हैं। इस बीच कुछ छात्रों ने सर्वोच्च अदालत में इस मसले पर याचिका डाल दी है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच के गठन का निर्णय किया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर महाराष्ट्र सरकार ने हामी भरी है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह इस मामले को चेक करेंगे और आगे अपनी बात कहेंगे। अदालत ने कहा है कि अगर ये गलत है तो गलत है, चाहे एक प्रतिशत ही क्यों ना हो। अदालत ने इस दौरान महाराष्ट्र सरकार से हलफनामा मांगा है और मौजूदा स्थिति की जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट इस दौरान आरे कॉलोनी के संवेदनशील क्षेत्र होने पर फैसला करेगा। अब इस मामले की सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी। सभी गिरफ्तार आन्दोलनकारियों को निजी मुचलकों पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
पिछले एक हफ्ते से इस मामले पर मुंबई की सड़कों पर प्रदर्शन हो रहा है, कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से 2,646 पेड़ों को काटने की इजाजत मिली थी।
-सुप्रीम कोर्ट ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोकने से पहले याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया है कि इस मसले पर कई याचिकाएं दाखिल हुई हैं, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या हम सभी याचिकाएं सुनें या फिर किसी एक याचिका को सुने जिसमें सभी मुद्दे हो।
- आरे कॉलाेनी में धारा 144 लगा है।
- मुंबई मेट्रो-3 के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई है कि जो वादा किया था उसे पूरा किया है। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने मुंबई शहर में 24 हजार पेड़ लगाए हैं, इनमें आरे मिल्क कॉलोनी भी शामिल है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने पेड़ काटने का काम शुरू किया और अभी तक 2000 से अधिक पेड़ काटे भी जा चुके हैं। इस बीच कुछ छात्रों ने सर्वोच्च अदालत में इस मसले पर याचिका डाल दी है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच के गठन का निर्णय किया है।
7th October, 2019