यूरीड मीडिया-देश में जो राजनीतिक हालात हैं उससे नहीं लगता कि किसी दल को 272 की संख्या मिलेगी। राहुल गाँधी ने बदायूं में जिस तरह से अखिलेश और मायावती पर मोदी से डरने का आरोप लगाते हुए हमला किया है उससे आने वाले दिनों में नयी राजनीतिक समीकरण बनने की संभावनाएं बन रही हैं। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आसानी से सरकार बनाने का अवसर नहीं मिला तो भाजपा मुलायम को प्रधानमंत्री और मायावती को उप प्रधानमंत्री बनाने में सहयोग कर सकती है क्योकि कांग्रेस को सरकार बनाने से रोकने के लिए तीसरे मोर्चे के रूप में मुलायम सिंह यादव ही उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम चारों दिशाओं के क्षेत्रीय दलों के सर्वमान्य नेता हो सकते है। क्योकि मुलायम बड़े नेताओं में शामिल है। मायावती को मुलायम जैसा सभी दलों का समर्थन नहीं मिल सकता। कांग्रेस ने भी सपा बसपा पर सीधा हमला बोल कर आने वाले दिनों में नए राजनीतिक समीकरण के सन्देश दिए हैं। कांग्रेस यह समझ गयी है कि उत्तर प्रदेश के बिना केंद्र की सत्ता में नहीं आ सकते इसलिए 2019 लोकसभा चुनाव एक बेहतर अवसर कांग्रेस को मिला है जिसमें सपा बसपा गठबंधन के बाद बहुत पूर्व विधायक, सांसद एवं विभिन्न जाति धर्म के मजबूत नेता कांग्रेस को मिल जायेंगे क्योकि सपा बसपा गठबंधन के समझौते में तरह विधानसभा में भी सीटों का बटवारा होगा। यह स्पष्ट है कि बटवारे में सपा बसपा के बहुत सारे नेता होंगे जो टिकट से वंचित होंगे और कांग्रेस एक बेहतर विकल्प बनेगा। जिस तरह से देश में जाति धर्म के आधार पर चुनाव हो रहे हैं उससे आने वाले दिनों में राजनीति के नए समीकरण और आया राम और गया राम नेताओं और दलों के बीच गठजोड़ होंगे। यह भी माना जा रहा है कि मोदी का जो व्यवहार और महत्वाकांक्षा है उससे बहुमत ना मिलने की स्थित में मोदी नहीं तो भाजपा में कोई नहीं प्रधानमंत्री बनेगा। यह नीति मोदी और शाह की होगी। हालांकि अभी यह बड़ा काल्पनिक जैसा समीकरण लग रहा है लेकिन संभावनाएं कुछ ऐसी ही बनती जा रही है।
19th April, 2019