यूरीड मीडिया-कांग्रेस पार्टी ने आज प्रधानमंत्री सहित बीएस येदियुरप्पा, जेटली, राजनाथ, गडकरी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि 14 फरवरी 2017 को इसी मंच से बीएस येदियुरप्पा और स्व. अनंत कुमार का एक वीडियो रिलीज किया था।
जिसमें 1800 करोड़ से अधिक की रिश्वत बीजेपी नेतृत्व को देने की बात सामने आई थी। कांग्रेस ने 12 फरवरी 2017 के वीडियो को 14 फरवरी 2017 को जारी किया था। सुरजेवाला ने आगे कहा कि अब वो तथाकथित डायरी सार्वजनिक की गई है। कैरवां मैग्जीन और एक चैनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस तथाकथित डायरी से, पांच तथ्य सामने आते हैं। पहला यह कि कुल 2690 करोड़ रुपये वसूले गए, जिसमें से 1800 करोड़ रुपया भाजपा नेतृत्व को पहुंचाया गया। मई 2008 से जुलाई 2011 के बीच येदियुरप्पा सीएम थे। इस डायरी में बीजेपी शीर्षतम नेतृत्व के नाम हैं। एक हजार करोड़ रुपया बीजेपी की सेंट्रल कमेटी को दिया गया। मोदी जी, अरुण जेटली, राजनाथ, गडकरी से लेकर फिर व्यक्तिगत नेताओं के नाम हैं।
इसके अलावा ढाई सौ करोड़ रुपया जजेज को भी दिया गया है। डायरी में तथाकथित रूप से येदियुरप्पा के हस्ताक्षर हैं। इस न्यूज रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया डायरी सच है या नहीं सच है, इसके बारे में इनकम टैक्स, सीबीडीटी, जेटली, राजनाथ, गडकरी से पूछा गया, क्या यह डायरी सही है। न्यूज मैग्जीन ने कहा कि इस सवाल पर उनकी ओर से कोई रिएक्शन नहीं दिया गया है। ये डायरी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास अगस्त 2017 से उपलब्ध थी। यह डायरी येदियुरप्पा की हैंडराइटिंग से मेल खाती है। डायरी को लेकर कथित तौर पर वित्त मंत्री जेटली के पास अधिकारी गए। पूछा था कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए या नहीं।
रणदीप सुरजेवाल ने कहा कि सवाल सीधे हैं- मोदी जी से लेकर भाजपा नेतृत्व पर 1800 करोड़ की रिश्वत के इल्जाम हैं। ये वो लोग हैं, जो देश के सबसे बड़े पदों पर आसीन हैं। जिनके हाथ में रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और पीएमओ और देश की सरकार है। क्या ये सच है कि झूठ कि 1800 करोड़ की रिश्वत कर्नाटक की येदियुरप्पा की सरकार से बीजेपी नेतृत्व को आई।
सवाल नंबर दो- सच है झूठ, डायरी और इसकी सारी एंट्री, जिस पर येदियुरप्पा के हस्ताक्षर हैं, ये इनकम टैक्स के पास हैं, अगर सही है या फिर डायरी सही नहीं है तो फिर इसकी जांच क्यों नहीं कराई ?
सवाल नंबर तीन-क्या ये सच है कि इनकम टैक्स विभाग ने बकायदा इस डायरी की एंट्री, पैसे को लेकर इनकम टैक्स ने इजाजत मांगी सरकार से, कि इसकी जांच ईडी या दूसरी एजेंसी से क्यों न कराई जाए ? क्या ये सच है कि नोट लिखकर इसकी इजाजत मांगी गयी। क्या ये सच है कि मोदी सरकार ने जांच कराने से इन्कार कर दिया ? अगर ये सच है तो क्या ये सीधा-सीधा पूरे भाजपा के नेतृत्व के भ्रष्टाचार का सुबूत नहीं है ? क्या पीएम सामने आकर मानेंगे कि अगर कोई सच्चाई नहीं तो फिर जांच क्यों नहीं कराएंगे ? अब तो लोकपाल भी नियुक्त हो गए।
जिसमें 1800 करोड़ से अधिक की रिश्वत बीजेपी नेतृत्व को देने की बात सामने आई थी। कांग्रेस ने 12 फरवरी 2017 के वीडियो को 14 फरवरी 2017 को जारी किया था। सुरजेवाला ने आगे कहा कि अब वो तथाकथित डायरी सार्वजनिक की गई है। कैरवां मैग्जीन और एक चैनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस तथाकथित डायरी से, पांच तथ्य सामने आते हैं। पहला यह कि कुल 2690 करोड़ रुपये वसूले गए, जिसमें से 1800 करोड़ रुपया भाजपा नेतृत्व को पहुंचाया गया। मई 2008 से जुलाई 2011 के बीच येदियुरप्पा सीएम थे। इस डायरी में बीजेपी शीर्षतम नेतृत्व के नाम हैं। एक हजार करोड़ रुपया बीजेपी की सेंट्रल कमेटी को दिया गया। मोदी जी, अरुण जेटली, राजनाथ, गडकरी से लेकर फिर व्यक्तिगत नेताओं के नाम हैं।
इसके अलावा ढाई सौ करोड़ रुपया जजेज को भी दिया गया है। डायरी में तथाकथित रूप से येदियुरप्पा के हस्ताक्षर हैं। इस न्यूज रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया डायरी सच है या नहीं सच है, इसके बारे में इनकम टैक्स, सीबीडीटी, जेटली, राजनाथ, गडकरी से पूछा गया, क्या यह डायरी सही है। न्यूज मैग्जीन ने कहा कि इस सवाल पर उनकी ओर से कोई रिएक्शन नहीं दिया गया है। ये डायरी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास अगस्त 2017 से उपलब्ध थी। यह डायरी येदियुरप्पा की हैंडराइटिंग से मेल खाती है। डायरी को लेकर कथित तौर पर वित्त मंत्री जेटली के पास अधिकारी गए। पूछा था कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए या नहीं।
रणदीप सुरजेवाल ने कहा कि सवाल सीधे हैं- मोदी जी से लेकर भाजपा नेतृत्व पर 1800 करोड़ की रिश्वत के इल्जाम हैं। ये वो लोग हैं, जो देश के सबसे बड़े पदों पर आसीन हैं। जिनके हाथ में रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और पीएमओ और देश की सरकार है। क्या ये सच है कि झूठ कि 1800 करोड़ की रिश्वत कर्नाटक की येदियुरप्पा की सरकार से बीजेपी नेतृत्व को आई।
सवाल नंबर दो- सच है झूठ, डायरी और इसकी सारी एंट्री, जिस पर येदियुरप्पा के हस्ताक्षर हैं, ये इनकम टैक्स के पास हैं, अगर सही है या फिर डायरी सही नहीं है तो फिर इसकी जांच क्यों नहीं कराई ?
सवाल नंबर तीन-क्या ये सच है कि इनकम टैक्स विभाग ने बकायदा इस डायरी की एंट्री, पैसे को लेकर इनकम टैक्स ने इजाजत मांगी सरकार से, कि इसकी जांच ईडी या दूसरी एजेंसी से क्यों न कराई जाए ? क्या ये सच है कि नोट लिखकर इसकी इजाजत मांगी गयी। क्या ये सच है कि मोदी सरकार ने जांच कराने से इन्कार कर दिया ? अगर ये सच है तो क्या ये सीधा-सीधा पूरे भाजपा के नेतृत्व के भ्रष्टाचार का सुबूत नहीं है ? क्या पीएम सामने आकर मानेंगे कि अगर कोई सच्चाई नहीं तो फिर जांच क्यों नहीं कराएंगे ? अब तो लोकपाल भी नियुक्त हो गए।
22nd March, 2019