यूरीड मीडिया-महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हे नज़रअंदाज़ कर पाना किसी के लिए आसान नही होता । विश्व कप-2019 महेंद्र सिंह धोनी का आखिरी टूर्नामेंट होगा, लेकिन यह नहीं भुलाया जा सकता कि टेस्ट क्रिकेट से उन्होंने कैसे एक झटके में संन्यास ले लिया था। धोनी का जहां तक सवाल है तो वह कुछ भी अप्रत्याशित कर सकते हैं।
भारत की टी-20 टीम से बाहर होने के बाद संभवत: विश्व कप-2019 क्रिकेट में आखिरी मौका होगा जब कभी ‘कैप्टन कूल ’ नाम से मशहूर इस दिग्गज को आखिरी बार हम टीम इंडिया की जर्सी में खेलते हुये देखेंगे। राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने उन्हें सीमित ओवरों के दो में से एक प्रारूप में बाहर करके पहले संकेत दे दिए हैं। बीसीसीआई के एक आला अधिकारी ने कहा ,‘यह तय है कि ऑस्ट्रेलिया में 2020 में होने वाला टी-20 विश्व कप धोनी नहीं खेलेंगे, लिहाजा उन्हें टीम में बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं था।’
उन्होंने कहा,‘चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन ने इस पर काफी बात की है। विराट कोहली और रोहित शर्मा भी चयन समिति की बैठक में मौजूद थे।’ उन्होंने कहा ,‘क्या आपको लगता है कि उनकी रजामंदी के बिना चयनकर्ता यह फैसला ले सकते थे।’ धोनी ने 2018 में सात टी-20 मैच खेले और उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 28 गेंदों में नाबाद 52 रनों की रही। बाकी छह पारियों में उन्होंने 51 गेंदों में 71 रन बनाए। धोनी को अगले दो महीने तक मैच अभ्यास भी नहीं मिल सकेगा, क्योंकि भारत अगले वनडे जनवरी से मार्च के बीच खेलेगा। चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद विकेटकीपर के रूप में दूसरे विकल्प पर बात कर चुके हें और ऋषभ पंत पर टीम प्रबंधन ने भरोसा जताया है।
एक पूर्व खिलाड़ी का ऐसा मानना है कि, ‘यदि पंत अच्छा खेलता है और धोनी का खराब फॉर्म बरकरार रहता है तो क्या उसे विश्व कप टीम में रखा जाएगा, किस आधार पर।’ धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने या सीमित ओवरों में कप्तानी छोड़ने का फैसला भले ही अचानक लिया हो, लेकिन उन्हें करीब से जानने वालों को पता है कि इसके पीछे कितना सोच विचार किया गया होगा।
भारत की टी-20 टीम से बाहर होने के बाद संभवत: विश्व कप-2019 क्रिकेट में आखिरी मौका होगा जब कभी ‘कैप्टन कूल ’ नाम से मशहूर इस दिग्गज को आखिरी बार हम टीम इंडिया की जर्सी में खेलते हुये देखेंगे। राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने उन्हें सीमित ओवरों के दो में से एक प्रारूप में बाहर करके पहले संकेत दे दिए हैं। बीसीसीआई के एक आला अधिकारी ने कहा ,‘यह तय है कि ऑस्ट्रेलिया में 2020 में होने वाला टी-20 विश्व कप धोनी नहीं खेलेंगे, लिहाजा उन्हें टीम में बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं था।’
एक पूर्व खिलाड़ी का ऐसा मानना है कि, ‘यदि पंत अच्छा खेलता है और धोनी का खराब फॉर्म बरकरार रहता है तो क्या उसे विश्व कप टीम में रखा जाएगा, किस आधार पर।’ धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने या सीमित ओवरों में कप्तानी छोड़ने का फैसला भले ही अचानक लिया हो, लेकिन उन्हें करीब से जानने वालों को पता है कि इसके पीछे कितना सोच विचार किया गया होगा।
28th October, 2018