यूरिड मीडिया- लखनऊ। राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके गोमती नगर में पुलिस की गोली से मारे गए एप्पल के एक सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार रविवार को किया गया। उनके आवास और बैकुंठ धाम में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी की गई थी। वहां पर प्रदेश सरकार की तरफ से विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन माजूद थे। मंत्री ब्रजेश पाठक ने पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया। विवेक तिवारी के बड़े भाई राजेश तिवारी ने उनको मुखाग्नि दी।
  
दरअसल मृतक की पत्नी ने पुलिस विभाग में नौकरी और एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं करेंगी। इस बीच लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज ने परिवार के एक सदस्य को नगर निगम में नौकरी और आर्थिक सहायता के रूप में 25 लाख रुपये देने का लिखित आश्वासन दिया।
  
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में इस घटना के बारे में संवाददाताओं से कहा कि लखनऊ की घटना कोई मुठभेड़ की वारदात नहीं है। हम इसकी पूरी जांच कराएंगे। पहली नजर में दोषी दिख रहे पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. जरूरत पड़ेगी तो हम सीबीआई को भी इसकी जांच सौंपेंगे।
  
                                            
                                          
                                            
                                                30th September, 2018
                                            
                                        