महाराष्ट्र में आज से पूरी तरह से प्लास्टिक बैन हो गया है। अगर अब आप बैन प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हुए पाए गए तो 5 हजार से लेकर 25 हजार तक का जुर्माना लग सकता है, यहां तक कि जेल भी हो सकती है। पॉलिथीन पर बैन लगने से मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र पर इसका बड़ा असर पड़ेगा। वैसे तो बैन का मतलब पूर्ण बैन है और इसमें मैन्युफैक्चरर से लेकर डिस्ट्रीब्यूटर, दुकानदार, होटल, रेस्त्रां और हमारे आपके घर सब शामिल हैं। लेकिन इसमें कुछ मामलों में खास किस्म के प्लास्टिक के इस्तेमाल की छूट भी दी गई है जैसे कि दवाओं की पैकिंग, कचरा इक्कठा करने वाला बैग वगैरह।
बारिश के दिनों में मुंबई में जलभराव की समस्या आम बात है। प्लास्टिक की वजह से नाले-सीवर जाम हो जाते हैं, जिससे बारिश का पानी निकल नहीं पाता है। मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने मुंबई में प्लास्टिक इस्तेमाल करने वालों को पकडऩे के लिए करीब ढ़ाई सौ इंस्पेक्टर भी नियुक्त किए हैं। देश में पहली बार आम आदमी पर प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर इतना सख्त बैन लगाया जा रहा है।
आम लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए बीएमसी एक प्रदर्शनी भी लगाएगी। इस प्रदर्शनी में बताया जाएगा कि प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर और क्या इस्तेमाल किया जा सकता है। बैन की खबर आते ही प्लास्टिक उत्पादक और आम रिटेल व्यापारी इस बैन का विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का मानना है कि इससे उन्हें कारोबार में काफी असुविधा होगी और बैन जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है। वहीं ज्यादातर लोग इस बैन का स्वागत कर रहे हैं। इस बैन के बाद कागज की फैक्ट्री पर काम का बोझ बढ़ गया है। अचानक कागज के थैले की मांग में जबरदस्त उछाल आने से डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है।
बारिश के दिनों में मुंबई में जलभराव की समस्या आम बात है। प्लास्टिक की वजह से नाले-सीवर जाम हो जाते हैं, जिससे बारिश का पानी निकल नहीं पाता है। मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने मुंबई में प्लास्टिक इस्तेमाल करने वालों को पकडऩे के लिए करीब ढ़ाई सौ इंस्पेक्टर भी नियुक्त किए हैं। देश में पहली बार आम आदमी पर प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर इतना सख्त बैन लगाया जा रहा है।
आम लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए बीएमसी एक प्रदर्शनी भी लगाएगी। इस प्रदर्शनी में बताया जाएगा कि प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर और क्या इस्तेमाल किया जा सकता है। बैन की खबर आते ही प्लास्टिक उत्पादक और आम रिटेल व्यापारी इस बैन का विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का मानना है कि इससे उन्हें कारोबार में काफी असुविधा होगी और बैन जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है। वहीं ज्यादातर लोग इस बैन का स्वागत कर रहे हैं। इस बैन के बाद कागज की फैक्ट्री पर काम का बोझ बढ़ गया है। अचानक कागज के थैले की मांग में जबरदस्त उछाल आने से डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है।
23rd June, 2018