लखनऊ, यूरिड मीडिया न्यूज़। आर्थिक अपराध शाखा(ईओडबल्यू)
और विशेष जांच दल(एसआईटी) आजम खां द्वारा जल निगम में की गई 1300 भर्तियाँ और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद द्वारा दिव्यंगों के उपकरण बाटने में हुई धांधली की सही और निष्पक्ष जांच करें तो आजम और लुईस का जेल जाना तय है। दोनों नेताओं के जांच के लिए ईओडबल्यू और एसआईटी के डीजी आलोक प्रसाद ने शासन को पत्र भेजकर केस चलाने की मांग की है। एसआईटी ने जल निगम की भर्ती और ईओडबल्यू ने लुईस खुर्शीद द्वारा दिव्यंगों के उपकरण वितरण वितरण में हुई धांधली की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट में दोनों नेताओं के खिलाफ गंभीर तथ्यात्मक दस्तावेजी सबूत है।
जल निगम में सपा शासन काल में 1300 भर्तियाँ हुई थी, जिनमें 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 नैतिक लिपिक और 32 आशुलिपिक शामिल है। जांच में तथ्य सामने आए है। भर्ती के लिए आजम खां ने हर स्तर पर गड़बड़ी की है और वित्त विभाग से अनुमति नहीं लिया। जल निगम के अध्यक्ष के रूप में भर्ती की अनुमति दे दी। एई कम्प्युटर के चार पदों पर बिना पद सृजन पर ही नियुक्ति कर दी। सूत्रों के अनुसार अगर योगी सरकार ने जांच की अनुमति दी और निष्पक्ष जांच हुई तो आजम खां सहित आधा दर्जन अधिकारी का जेल जाना तय है।
इसी तरह पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद ने 2010 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में डॉ जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को 71 लाख 50 हजार का अनुदान राशि दिया। यह दिव्यंगों को शिविर लगाकर उपकरण बाटने के लिए दी गई थी। लुईस ने दिव्यंगों को उपकरण बाटने के लिए कायमगंज(फर्रुखाबाद) में शिविर लगाने की रिपोर्ट दी। वह शिविर फर्जी था। दिव्यंगों को उपकरण बाटने के लिए शिविर का आयोजन ही नहीं किया गया। शिकायत पर एसआईटी ने प्रारम्भिक जांच में मामला फर्जी पाये जाने पर गत वर्ष जून माह में कायमगंज कोतवाली में आईपीसी की धारा 467, 468, 471, 120बी के तहत केस दर्ज कराया गया। प्रारम्भिक जांच पूरी होने पर मामला सीधे सलमान खुर्शीद से जुड़ा होने के कारण शासन से जांच की अनुमति मांगी है।
इस मामले में पूर्व मंत्री आजम खां का कहना है कि पैसे लेने की कोई शिकायत नहीं है। हमसे बेरोजगारों को नौकरी देने की गलती हो गई। उन्होंने आगे कहा कि हमने कोई पाप नहीं किया, पढ़ें लिखे बेरोजगारों को नौकरी देकर एक स्टेट मंत्री ने जो काम किया वह प्रधानमंत्री मोदी ने भी नहीं किया।
और विशेष जांच दल(एसआईटी) आजम खां द्वारा जल निगम में की गई 1300 भर्तियाँ और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद द्वारा दिव्यंगों के उपकरण बाटने में हुई धांधली की सही और निष्पक्ष जांच करें तो आजम और लुईस का जेल जाना तय है। दोनों नेताओं के जांच के लिए ईओडबल्यू और एसआईटी के डीजी आलोक प्रसाद ने शासन को पत्र भेजकर केस चलाने की मांग की है। एसआईटी ने जल निगम की भर्ती और ईओडबल्यू ने लुईस खुर्शीद द्वारा दिव्यंगों के उपकरण वितरण वितरण में हुई धांधली की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट में दोनों नेताओं के खिलाफ गंभीर तथ्यात्मक दस्तावेजी सबूत है।
इस मामले में पूर्व मंत्री आजम खां का कहना है कि पैसे लेने की कोई शिकायत नहीं है। हमसे बेरोजगारों को नौकरी देने की गलती हो गई। उन्होंने आगे कहा कि हमने कोई पाप नहीं किया, पढ़ें लिखे बेरोजगारों को नौकरी देकर एक स्टेट मंत्री ने जो काम किया वह प्रधानमंत्री मोदी ने भी नहीं किया।
30th March, 2018