रांची। चारा घोटाले के चौथे मामले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआई के विशेष कोर्ट ने सात-सात साल की सजा और 30-30 लाख रुपये का जुर्माना का फैसला सुनाया हैं। दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को दोषी करार दिया था।
इसी केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया था। लालू के वकील अनंत कुमार का कहना है कि इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक लालू के परिवार के किसी सदस्य से बात नहीं हो सकी है। गौरतलब है कि चारा घोटाले के तीसरे मामले में भी लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार गबन मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने लालू यादव पर 10 लाख और जगन्नाथ मिश्रा पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
इसे पहले फरवरी के अंतिम हफ्ते में घोटाले के पहले मामले देवघर ट्रेजरी से अवैध निकासी पर लालू की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में दायर एक याचिका को खारिज कर दिया गया था। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो को साढ़े तीन साल की जेल और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद लालू के पास हाई कोर्ट से जमानत लेने का विकल्प था जिसके आधार पर लालू ने झारखंड हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी।
इसी केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया था। लालू के वकील अनंत कुमार का कहना है कि इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक लालू के परिवार के किसी सदस्य से बात नहीं हो सकी है। गौरतलब है कि चारा घोटाले के तीसरे मामले में भी लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार गबन मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने लालू यादव पर 10 लाख और जगन्नाथ मिश्रा पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
इसे पहले फरवरी के अंतिम हफ्ते में घोटाले के पहले मामले देवघर ट्रेजरी से अवैध निकासी पर लालू की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में दायर एक याचिका को खारिज कर दिया गया था। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो को साढ़े तीन साल की जेल और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद लालू के पास हाई कोर्ट से जमानत लेने का विकल्प था जिसके आधार पर लालू ने झारखंड हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी।
24th March, 2018