यूपी के कानपुर जिले में ‘मस्क्युलर डिस्ट्राफी’ नामक गम्भीर बीमारी से पीड़ित मां-बेटी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर ‘इच्छा मृत्यु‘ की इजाजत मांगी है. नौबस्ता स्थित यशोदा नगर की रहने वाली और लगभग लाइलाज बीमारी ‘मस्क्युलर डिस्ट्राफी‘ से पीड़ित शशि मिश्रा (56) और उनकी बेटी अनामिका मिश्रा (33) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है.
नगर मजिस्ट्रेट राज नारायण पाण्डेय ने बताया कि वह पत्र सीधे राष्ट्रपति को भेजा गया है. राज्य सरकार से वित्तीय मदद मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी होगी. इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इस बीच, अनामिका ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को भी पत्र लिखकर आग्रह किया था कि या तो उनके इलाज के लिये समुचित मदद की जाए या फिर इच्छामृत्यु की इजाजत दे दी जाए.अपनी इन मांगों को लेकर कल से अपने घर पर ही धरने पर बैठी अनामिका ने बताया कि उनके पिता गंगा मिश्रा भी ‘मस्क्युलर डिस्ट्राफी’ से पीड़ित थे और करीब 15 साल पहले उनकी मौत हो गयी. उसके बाद से उनके परिवार की देखभाल करने वाला कोई नहीं है.
टिप्पणिया उन्होंने बताया कि उनकी मां को वर्ष 1985 में इस बीमारी से पीड़ित होने के बारे में पता लगा था. उसके बाद से ही वह बिस्तर पर हैं. करीब छह साल पहले खुद वह भी इस बीमारी की जद में आ गयीं. फिलहाल भारत में इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. विदेश में जरूर इसका उपचार है, मगर इसके लिये उनके पास धन नहीं है. अनामिका ने दावा किया कि उन्होंने पूर्व में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को खून से पत्र लिखकर मदद मांगी थी. उस वक्त 50 हजार रुपये की मदद मिली थी, जो चंद दिनों में ही खर्च हो गयी.
13th March, 2018