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भाजपा का दोहरा चेहरा

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भाजपा का दोहरा चेहरा

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सीएम योगी का विधान परिषद सदस्य बनने से भाजपा के दोहरे स्वरूप का मानचित्र साफ झलकता है। दिल्ली से लखनऊ तक अब भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी में वह अहमियत नही रह गयी है, जो पिछले साढ़े तीन दर्शकों से पार्टी करती आयी है। भाजपा के स्लोगन में कार्यकर्ताओं की अहमियत को समझाने और उसको महत्व देने के तमाम वादे होते थे परन्तु अब पार्टी में कार्यकर्ता नही"" दुल्हन वही जो पिया मन भाये "" का सिद्धान्त लागू है।

दिल्ली से लखनऊ तक भाजपा कार्यालय अब कार्यकर्ताओं की नही कारपोरेट घराने के इम्प्लाइज का कार्यालय बनकर रह गया है। पूरे कार्यालय परिसर में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे हुए जिसके माध्यम से कार्यालय में आने-जाने वालों से लेकर कैबिन में बैठे पदाधिकारियों के बातचीत के ब्योरे रिकार्ड किये जाते है। इन रिकार्डो से कभी हंसी-मजाक में भी सही बात का उल्लेख करने वाले कई पदाधिकारियों की छुट्टी भी हो चुकी है।