फिल्म का नाम : बादशाहो
डायरेक्टर: मिलन लुथरिया
स्टार कास्ट: अजय देवगन , इमरान हाशमी , इलियाना डी क्रूज, ईशा गुप्ता, संजय मिश्रा, विद्युत जामवाल
अवधि:2 घंटा 16 मिनट
सर्टिफिकेट: U /A
रेटिंग: 2 स्टार
मिलन लुथरिया ने अजय देवगन के साथ कच्चे धागे ,चोरी-चोरी , वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई जैसी बहुत-सी फिल्में बनाई हैं और अब एक बार फिर से ये दोनों एक साथ बादशाहो फिल्म लेकर आए हैं. क्या यह फिल्म उतनी ही दिलचस्प बनी है जितनी इनकी पिछली फिल्में थीं? आखिर कैसी बनी है यह फिल्म आइये जानते हैं-
कहानी
यह कहानी साल 1975 के इमरजेंसी के दौर की है जब राजघरानों की पूरी संपत्ति सरकार अपने कब्जे में ले रही थी. उसी समय महारानी गीतांजलि (इलियाना डी क्रूज) के राजमहल से भी पुलिस सारा सोना जब्त करने का ऑर्डर देती है, लेकिन रानी का वफादार भवानी सिंह ( अजय देवगन ) अपने साथियों गुरुजी (संजय मिश्रा) दलिया ( इमरान हाशमी ) और गीतांजलि की खास संजना (ईशा गुप्ता ) के साथ उस सोने से भरे ट्रक की चोरी करने का फैसला करता है. ट्रक को राजस्थान से दिल्ली तक ले जाने का दारोमदार सहर सिंह (विद्युत जामवाल ) के जिम्मे होता है. कहानी में कई ट्वीस्ट आते हैं. हालांकि सोने से भरे ट्रक का क्या होता है , इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा.
एक लाइन में समझें, तो फिल्म की कहानी अच्छी थी कि इमरजेंसी में सोने से भरे ट्रक को चुराया जाना है. लेकिन कहानी सुनाने का ढंग काफी कमजोर है. ऐसा लगता है कि फिल्म को जबरदस्ती खींचकर आगे बढ़ाया गया है. कहानी सुनाने की कला और दिलचस्प हो सकती थी फिल्म में काफी लंबे-लंबे चेज सीक्वेंस हैं. इन्हें देखने पर बोरियत होती है. फिल्म की एडिटिंग पर ध्यान दिया जाना जरूरी था. यह फिल्म सबको थियेटर तक नहीं खींच पायेगी. स्क्रीनप्ले भी बहुत कमजोर है.
फिल्म का प्लॉट अच्छा है और इमरजेंसी में सोने की चोरी को दर्शाये जाने का स्टाइल भी बढ़िया है. फिल्म के संवाद बहुत ही दमदार हैं और याद रह जाएंगे. रजत अरोड़ा ने बहुत उम्दा संवाद लिखे हैं. अजय देवगन ने राजस्थानी किरदार और उसका लहजा बहुत ही सटीक पकड़ा है और उनकी एक्टिंग जबरदस्त है. इमरान हाशमी की मौजूदगी से फिल्म बेहतर हुई है. इलियाना डी क्रूज ने भी कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर बढ़िया काम किया है. संजय मिश्रा और ईशा गुप्ता का काम भी सही है. विद्युत जामवाल का काम भी पावर पैक्ड है. फिल्म का गाना रश्के कमर रिलीज से पहले ही हिट है, जो कि फिल्म में भी अच्छा लगता है. पिया मोरे वाला गीत भी अच्छा है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर दमदार है. साथ ही डायरेक्शन, कैमरा वर्क, लोकेशंस बहुत ही गजब हैं.
1st September, 2017