यूरिड मीडिया ब्यूरो
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भारत-बांग्लादेश की सीमा के पार सुदूर पहाड़ियो मे रहने वाली मंडी जनजाति की लड़कियां बचपन से ही अपने पिता से शादी करने के सपने देखने लगती हैं। यूं तो इस मंडी जनजाति में बहु विवाह की प्रथा है। लेकिन यदि किसी का पति मर गया हो और उसे दूसरी शादी करनी हो तो शादी के समय ही उसे अपने पति के साथ अपनी एक बेटी की भी शादी करवानी होती है यानि एक ही व्यक्ति माँ और बेटी दोनों का पति बन जाता है।जनजाति की एक लड़की ओरोला का कहना है कि जब वह बहुत छोटी थी तभी उसके पिता की मौत हो गई थी। उसकी मां की दूसरी शादी हो गई थी। तब से वह अपने दूसरे पिता को अपने पति के रूप में देखने लगी थी।
कैसे होती है शादी
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- मंडी जनजाति के लोगों में शादी कम उम्र में ही होती है ।
- यदि किसी औरत का पति मर जाता है तो ऐसी परंपरा है कि वह औरत शादी तो कर सकती है पर अपनी जाति के लडके से ही. चूंकि, कुंवारे लड़कों की उम्र कम रहती है इसलिए जिस व्यक्ति से वह शादी करती है।
- उसे उसी के साथ अपनी शादी के समय अपनी एक बेटी की शादी उसकी दूसरी पत्नी के रूप में करवानी होती है।
- पत्नी धर्म निभाने की उम्र होने पर वह उसकी दूसरी पत्नी बन जाती है।
- माँ बेटी दोनों ही उस व्यक्ति की पत्नी के रूप में साथ-साथ रहती हैं।
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भारत-बांग्लादेश की सीमा के पार सुदूर पहाड़ियो मे रहने वाली मंडी जनजाति की लड़कियां बचपन से ही अपने पिता से शादी करने के सपने देखने लगती हैं। यूं तो इस मंडी जनजाति में बहु विवाह की प्रथा है। लेकिन यदि किसी का पति मर गया हो और उसे दूसरी शादी करनी हो तो शादी के समय ही उसे अपने पति के साथ अपनी एक बेटी की भी शादी करवानी होती है यानि एक ही व्यक्ति माँ और बेटी दोनों का पति बन जाता है।जनजाति की एक लड़की ओरोला का कहना है कि जब वह बहुत छोटी थी तभी उसके पिता की मौत हो गई थी। उसकी मां की दूसरी शादी हो गई थी। तब से वह अपने दूसरे पिता को अपने पति के रूप में देखने लगी थी।
कैसे होती है शादी
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16th July, 2016