विधानसभा चुनाव-2017 : सर्वे रिपोर्ट मुख्यमंत्री के बारे में मतदाताओ की राय
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यूरिड मीडिया ब्यूरो:-यूरिड सर्वे द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बारे में मतदाताओं की राय जानने के लिए एक सैंपल सर्वे किया गया है। इस सर्वे में प्रदेश के 403 विधानसभाओं के सभी जाति, धर्म एवं विभिन्न आयु के प्रत्येक विधानसभा के 500 मतदाताओं को शामिल करके उनकी राय जानी गई है। इनमें 50 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने मुख्यमंत्री की छवि और मुख्यमंत्री का व्यवहार को अच्छा बताया है, जबकि मुख्यमंत्री के प्रशासनिक कार्यों पर 50 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने नकारात्मक जवाब दिया है। मुख्यमंत्री को दूसरी बार मौका मिलना चाहिए इस सवाल पर एक चौथाई से कम मात्र 23 प्रतिशतमतदाताओं ने सकारात्मक जवाब दिया है। जबकि 45 प्रतिशत मतदाताओं ने सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दिया है और 32 प्रतिशत मतदाताओं ने दूसरी बार अवसर न दिये जाने की राय व्यक्त की है। सर्वे के सवाल और जवाब चार्ट एवं विश्लेषण के साथ दिए जा रहे हैं।
सर्वे रिपोर्ट
1-मुख्यमंत्री की छवि कैसी है..?
मुख्यमंत्री की छवि कैसी है इस सवाल का जबाव अखिलेश यादव के लिए बहुत सुखद माना जा सकता है। साढ़े चार वर्ष से अधिक पूर्ण बहुमत की सरकार के मुखिया होने के बाद भी अखिलेश यादव की छवि मतदाओं मे आज भी अच्छी है। सर्वे के दौरान 49 प्रतिशत मतदाओं ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ईमानदार मानते है। 28 प्रतिशत मतदाताओं ने सवाल का जबाव नहीं दिया। जबकि 23 प्रतिशत मतदाताओं की राय नकारात्मक है। इस प्रकार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की छवि 2017 विधानसभा चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण होगी, आैर सपा को इसका सबसे अधिक लाभ उठाना चाहिए क्योंकि अभी तक तीन प्रमुख राजनीतिक दलों बसपा एवं कांग्रेस, भाजपा मे से दो दलों के मुख्यमंत्री घोषित है। भाजपा ने अभी तक मुख्यमंत्री घोषित नहीं किया है। लेकिन जो दलों में मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित है उन दोनों नेताओं बसपा की मायावती एवं कांग्रेस की शीला दीक्षित पर गम्भीर भ्रष्टाचार के आरोप है. जिनकी जांच अलग-अलग एजेन्सियों द्वारा की जा रही है। जबकि अखिलेश यादव की छवि आज भी ईमानदार की है जो विधानसभा चुनाव 2017 में दोनों दलों के मुख्यमंत्री प्रत्याशियों पर भारी पड़ेगी। यही नहीं अगर भाजपा भी दबाव में किसी को मुख्यमंत्री का प्रत्याशी घोषित करती है तो अभी तक उत्तर प्रदेश के जो भी मुख्यमंत्री सम्भावित दावेदार वाले भाजपा नेता हैं। उन पर भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की छवि भारी पड़ेगी। इसलिए 2017 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की छवि का अधिक से अधिक फायदा उठाना चाहिए।
2-मुख्यमंत्री का व्यवहार कैसा है..?
मुख्यमंत्री का व्यवहार कैसा है इस सवाल का जबाव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के व्यक्तित्व के लिए बहुत ही उत्साह वर्धक है क्योंकि आधे से अधिक 56 प्रतिशत मतदाताओं ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के व्यवहार को अच्छा बताया है। इनमें 19 प्रतिशत मतदाओं ने तो मुख्यमंत्री का व्यवहार बहुत अच्छा बताया है जबकि 37 प्रतिशत मतदाताओं ने अच्छा इस प्रकार 56 प्रतिशत मतदाता मुख्यमत्री व्यवहार को अच्छा मानते है। जोकि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कुर्सी पर बैठे व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज जब छोटे-छोटे पदों एवं अधिकार मिलने पर लोगों का आचरण एवं व्यवहार में अचानक परिवर्तन आ जाता है ऐसे में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के पूर्ण बहुमत सरकार ने मुख्यमंत्री के रूप में साढ़ चार वर्ष बीतने के बाद भी व्यवहार अच्छा बना रहना अखिलेश यादव के व्यक्तित्व को देश के उन बड़े नेताओं की लाइन में खड़ा कर देता है जो कि सत्ता में रहते हुए सत्ता का अहंकार छू नही पाया। अखिलेश यादव के अच्छे व्यवहार पर मतदाताओं की मुहर सपा के 2017 विधान सभा चुनाव के लिए एक बड़ा हथियार कारगर साबित हो सकती है। सपा को अखिलेश यादव की सरकार की उपलब्धियों के साथ अखिलेश यादव के ईमानदार छवि एवं अच्छे व्यवहार को अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।
3-मुख्यमंत्री का नौकरशाहों पर दबाव है..?
इस सवाल का मतदाताओं की राय मुख्यमंत्री के लिए सकारात्मक नही है। केवल 19 प्रतिशत मतदाता मानते है कि मुख्यमंत्री का अधिकारियों पर दबाव है जबकि 67 प्रतिशत की राय नकारात्मक है आैर 14 प्रतिशत ऐसे है जिन्होने जबाव नहीं दिया।
4-मुख्यमंत्री के निर्देशो का पालन होता है कि नही..?
इस सवाल का जबाव भी मुख्यमंत्री के लिए मिला-जुला है क्योंकि 30 प्रतिशत मानते है कि मुख्यमंत्री के निर्देशो का पालन होता है जबकि 31 प्रतिशत मतदाताओं ने जबाव नहीं दिया आैर 39 प्रतिशत मतदाताओं की राय नकारात्मक रही है।
5-क्या मुख्यमंत्री को अधिकारियों पर सख्ती करनी चाहिए..?
इस सवाल का जबाव भी मुख्यमंत्री के लिए एक चेतावनी मानी जा सकती है क्योंकि 67 प्रतिशत मतदाताओं की राय है कि मुख्यमंत्री को अधिकारियों पर सख्ती करनी चाहिए। इस सवाल के जबाव की सीधा अर्थ है कि जनता में अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर नाराजगी है। मात्र 11 प्रतिशत ने कहा कि अधिकारियों पर सख्ती नही करनी चाहिए। जबकि 22 प्रतिशत ने सवाल का जबाव नहीं दिया। मुख्यमंत्री को अधिकारियों की कार्य शैली पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि सरकार की कल्याणकारी नीतियों एवं विकासकार्यो की जिम्मेदारी अधिकारियों की ही होती है।
6-क्या मुख्यमंत्री को पहचानते है..? इस सवाल पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को संतोष करना चाहिए आैर उनकी यह पीड़ा भी दूर हो जानी चाहिए जोकि मानते थे कि जनता उन्हें कम पहचानती है। मुख्यमंत्री को पहचानने वालों की संख्या आधे से अधिक यानि 51 प्रतिशत है जबकि 20 प्रतिशत ने सवाल का जबाव नहीं दिया आैर 29 प्रतिशत अभी भी ऐसे है जो कहते है कि मुख्यमंत्री को नही पहचानते।
7-क्या मुख्यमंत्री को दूसरी बार मौका मिलना चाहिए..?
इस सवाल का जबाव बहुत महत्वपूर्ण अखिलेश यादव के लिए संतोषजनक कहा जा सकता है क्योंकि लगभग एक चौथाई 23 प्रतिशत मतदाता कहते है कि अखिलेश यादव का दूसरी बार मौका मिलना चाहिए, जबकि 32 प्रतिशत मतदाता कहते है कि मौका नहीं मिलना चाहिए, लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सर्वाधिक 45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनी राय स्पष्ट नहीं किया। यही अखिलेश यादव के लिए संतोष जनक आैर अवसर भी है। कि इन 45 प्रतिशत मतदाता जिन्होने अखिलेश यादव के दूसरी बार मौका देने आैर न देने पर मौन हैं आैर कोई स्पष्ट जबाव नही दिया। ऐसे मतदाताओं को अखिलेश यादव को जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि ऐसे मतदाताओं की भूमिका निर्णयक होगी।
8-सबसे अच्छा राजनीतिक दल कौन है..?
इस सवाल का जबाव सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है क्यांेकि 25 प्रतिशत मतदाताओं ने सपा आैर 25 प्रतिशत ने भाजपा के पक्ष में अपनी राय दिया है। बसपा तीसरे स्थान पर आैर कांग्रेस चौथे स्थान पर हैं। बसपा को 24 प्रतिशत तथा कांग्रेस का 17 प्रतिशत मतदाताओं ने सबसे अच्छा राजनीतिक दल बताया है। सर्वे के अनुसार राजनीतिक दलों के बारे में व्यक्त की गयी मतदाताओं की राय चुनाव का मत प्रतिशत माना जाता है। इस प्रकार अगर राजनीतिक दलों के बारे में मदताताओं की राय को वर्तमान राजनीतिक माहौल में देख तो सपा, बसपा एवं भाजपा का 24 से 25 प्रतिशत एवं कांग्रेस तथा अन्य सभी दल 26 प्रतिशत मत पाने की सम्भावना है। इस प्रकार सपा, बसपा, एवं भाजपा को पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए 5 से 6 प्रतिशत मतों को जोड़ना होगा क्योंकि 1989 से 2012 तक के चुनाव परिणाम बताते है कि पूर्ण बहुमत की सरकार 30 से 31 प्रतिशत के बीच में ही बनती है। सर्वे में एक अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु उभर कर सामने आया है जो राजनीतिक विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण है कि अगर कांग्रेस छोट-छोटे दलों का महा-गंठबन्धन बना करके चुनाव मैदान में उतरती है तो जैसा मतदाताओं की राय है उसमें नया समीकरण बन सकता है आैर बहुमत बनाने के प्रबल दावेदार सपा, बसपा, एवं भाजपा के लिए एक चुनौती बन सकती है।
9-क्या आप मानते है कि विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों को मुख्यमंत्री घोषित किया जाना चाहिए..?
इस सवाल के जबाव में 57 प्रतिशत ने अपनी राय व्यक्त किया है कि मुख्यमंत्री घोषित किया जाना चाहिए। 21 प्रतिशत ने कहा नही जबकि 22 प्रतिशत ने जबाव नही दिया। मतदाताओं की राय का राजनीतिक अर्थ यह माना जा सकता हैकि अब समय आ गया है कि चुनाव में ही राजनीति दल बताए कि अगर पार्टी जीतती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा। मुख्यमंत्री प्रत्याशी के नाम पर राजनीतिक दल को फायदा एवं नुकसान दोनो होने की पूरी सम्भावना रहेगी।
यूरिड मीडिया ब्यूरो:-यूरिड सर्वे द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बारे में मतदाताओं की राय जानने के लिए एक सैंपल सर्वे किया गया है। इस सर्वे में प्रदेश के 403 विधानसभाओं के सभी जाति, धर्म एवं विभिन्न आयु के प्रत्येक विधानसभा के 500 मतदाताओं को शामिल करके उनकी राय जानी गई है। इनमें 50 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने मुख्यमंत्री की छवि और मुख्यमंत्री का व्यवहार को अच्छा बताया है, जबकि मुख्यमंत्री के प्रशासनिक कार्यों पर 50 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने नकारात्मक जवाब दिया है। मुख्यमंत्री को दूसरी बार मौका मिलना चाहिए इस सवाल पर एक चौथाई से कम मात्र 23 प्रतिशतमतदाताओं ने सकारात्मक जवाब दिया है। जबकि 45 प्रतिशत मतदाताओं ने सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दिया है और 32 प्रतिशत मतदाताओं ने दूसरी बार अवसर न दिये जाने की राय व्यक्त की है। सर्वे के सवाल और जवाब चार्ट एवं विश्लेषण के साथ दिए जा रहे हैं।