
यूरीड मीडिया - जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने दोपहर 1:12 बजे अंतिम सांस ली।
सत्यपाल मलिक लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। 11 मई को हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे जम्मू-कश्मीर, बिहार, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे। 2018 में ओडिशा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
सत्यपाल 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे। इन्हीं के कार्यकाल के दौरान ही आज ही के दिन 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया गया था।
सत्यपाल मलिक के बारे में जानिए...
जन्म: 24 जुलाई 1946, हिसवाड़ा गांव, बागपत (यूपी)
पिता: बुद्ध देव सिंह (किसान)
माता: जगबीर देवी
शिक्षा: प्राथमिक शिक्षा
गांव के स्कूल से
कॉलेज: चौधरी चरण सिंह
यूनिवर्सिटी (मेरठ) से B.Sc और LLB
शादी 14 दिसंबर 1970,
पत्नी इकबाल मलिक
संतान: बेटा देव कबीर
पॉलिटिकल करियर
1966: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी (मेरठ) से छात्रसंघ अध्यक्ष बने
1974: उत्तर प्रदेश विधान सभा सदस्य (बागपत से) बने
1980 राज्यसभा सदस्य (उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि) बने
1984: में कांग्रेस में शामिल हुए
1986: दोबारा राज्यसभा सदस्य बने
1987: बोफोर्स विवाद के बाद इस्तीफा और जनता दल में वापसी
1989-1991: लोकसभा सांसद (जनता दल से) बने
1990: केंद्रीय संसदीय कार्य और पर्यटन राज्य मंत्री बने
2004: भाजपा में शामिल हुए
2012: भाजपा ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया
राज्यपाल के तौर पर
बिहार: सितंबर 2017 से अगस्त 2018
ओडिशा: मार्च से मई 2018 (अतिरिक्त चार्ज)
जम्मू-कश्मीर: अगस्त 2018- अक्टूबर 2019 (अनुच्छेद 370 निरस्तिकरण 5 अगस्त 2019)
गोवा: नवम्बर 2019 से अगस्त 2020
मेघालय: अगस्त 2020 से अक्टूबर 2022
सत्यपाल मलिक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था
CBI ने 22 मई को सत्यपाल मलिक समेत 5 लोगों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें करीब 2,200 करोड़ रुपए के सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ी का आरोप है। CBI ने इसी मामले को लेकर 22 फरवरी 2024 को सत्यपाल मलिक के ठिकाने पर छापा मारा था। साथ ही दिल्ली में 29 अन्य ठिकानों पर भी रेड की थी।
मलिक ने 2021 में लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनूं में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते करोड़ों की रिश्वत ऑफर हुई थी। उस दौरान उनके पास दो फाइलें आई थीं। इनमें एक बड़े उद्योगपति और दूसरी महबूबा मुफ्ती और भाजपा की गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति की थी।
मलिक ने कहा था कि उनके सचिवों ने बताया कि इसमें घोटाला है, इसके बाद उन्होंने दोनों डील रद्द कर दी थीं। उन्हें दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया था। मलिक ने कहा, 'मैंने कहा था कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा। जब CBI पूछेगी तो मैं ऑफर देने वालों के नाम भी बता दूंगा।'
CBI ने दो अलग-अलग मामलों में दर्ज की FIR
CBI ने इस मामले में 2 FIR दर्ज की थीं। पहली FIR लगभग 60 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट को जारी करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। यह रकम 2017-18 में जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने के लिए एक इंश्योरेंस कंपनी से रिश्वत के तौर पर ली गई थी।
दूसरी FIR 2019 में एक निजी फर्म को कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल वर्क के लिए 2,200 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट देने में भ्रष्टाचार से जुड़ी है। CBI इन दोनों मामलों की जांच कर रही है।