यूरीड मीडिया- लेबनान में हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की इजरायली हमले के बाद भारत में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। लखनऊ से लेकर कश्मीर तक नसरल्लाह के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरे और कैंडल मार्च किया। लखनऊ में शिया समुदाय की बड़ी आबादी रहती है। वहीं पूरे दे मेंकरीब दो करोड़ शिया मुसलमान हैं। शिया मुसलमानों ने इस हमले की निंदा की है और तीन दिनों के शोक का ऐलान कर दिया है। कई जगहों पर शिया मुसलमानों ने दुकानें बंद कर दीं और इमारतों पर काले झंडा लहराए। इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में भी नसरल्लाह के लिए शोक सभा का आयोजन किया गया। इसमें लेबनान और ईरान के राजदूतों को बुलाया गया था।
कई सुन्नी संगठनों ने भी इजरायली हमले की निंदा की है। भारत के सबसे बड़े शिया मुस्लिम संगठन अंजुमन-ए-हैदरी के महासचिव सैयद बहादुर अब्बास नकवी ने भी नसरल्लाह की हत्या की निंदा की। नकवी ने कहा, अब यही देखना है कि हिजबुल्लाह इस हमले का जवाब दैसे देता है। उन्होंने कहा कि इससे भारत और पाकिस्तान में तनाव नहीं बढ़ेगा। हालांकि मध्य पूर्व में ईरान का असर जरूर कम हो सकता है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा रुहुल्लाह मेहंदी ने नसरुल्लाह को शहीद बाताया है। इसके अलावा पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने नसरुल्लाह के शोक में चुनाव प्रचार रोक दिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि अब मध्य पूर्व में चल रही हिंसा पर विराम लगना चाहिए।
लखनऊ से कश्मीर तक प्रदर्शन
रविवार को लखनऊ में शिया समुदाय ने नसरल्लाह की हत्या का विरोध किया। बड़े और छोटे इमामबाड़े पर लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। लोग इजरायल मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। वहीं शिया समुदाय ने तीन दिनों का शोक भी घोषित कर दिया है। यहां लोगों का कहना है कि नसरल्लाह आईएसआईएस के खिलाफ जंग लड़ चुका था और वह गरीब फिलिस्तीनियों का मसीहा था। शिया समुदाय के लोगों ने इजरायल और अमेरिका को ही आतंकवादी बता दिया।
कोलकाता में भी प्रदर्शन
कोलकाता में भी शिया समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किए और इजरायल के खिलाफ नारेबाजी की।वहीं जम्मू-कश्मीर के करगिल में 29 सितंबर को बंद का आयोजन किया गया। बच्चे, महिलाएं और युवक नसरल्लाह का पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे। आगा सैयद हसन ने कहा कि हसन नसरल्लाह की कमी खलेगी। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन का आजाद होना चाहिए और इस आजादी के लिए हजार नसरल्लाह पैदा हो जाएंगे।
उमर अब्दुल्लाह का कहना है कि भारत सरकार को भी इजरायल पर युद्ध रोकने का दबाव बनाना चाहिए। वहीं महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर लेबनान और गाजा के समर्थन में पोस्ट किए। बीजेपी ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लेकर कहा कि वह हिंसा का समर्थन कर रहे हैं। बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, उमर और मुफ्ती हिंसा का समर्थन करते हैं। अगर वे शांति के पक्ष में हैं तो कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के वक्त क्यों आतंकियों का समर्थन कर रहे थे।
कई सुन्नी संगठनों ने भी इजरायली हमले की निंदा की है। भारत के सबसे बड़े शिया मुस्लिम संगठन अंजुमन-ए-हैदरी के महासचिव सैयद बहादुर अब्बास नकवी ने भी नसरल्लाह की हत्या की निंदा की। नकवी ने कहा, अब यही देखना है कि हिजबुल्लाह इस हमले का जवाब दैसे देता है। उन्होंने कहा कि इससे भारत और पाकिस्तान में तनाव नहीं बढ़ेगा। हालांकि मध्य पूर्व में ईरान का असर जरूर कम हो सकता है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा रुहुल्लाह मेहंदी ने नसरुल्लाह को शहीद बाताया है। इसके अलावा पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने नसरुल्लाह के शोक में चुनाव प्रचार रोक दिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि अब मध्य पूर्व में चल रही हिंसा पर विराम लगना चाहिए।
लखनऊ से कश्मीर तक प्रदर्शन
रविवार को लखनऊ में शिया समुदाय ने नसरल्लाह की हत्या का विरोध किया। बड़े और छोटे इमामबाड़े पर लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। लोग इजरायल मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। वहीं शिया समुदाय ने तीन दिनों का शोक भी घोषित कर दिया है। यहां लोगों का कहना है कि नसरल्लाह आईएसआईएस के खिलाफ जंग लड़ चुका था और वह गरीब फिलिस्तीनियों का मसीहा था। शिया समुदाय के लोगों ने इजरायल और अमेरिका को ही आतंकवादी बता दिया।
कोलकाता में भी प्रदर्शन
कोलकाता में भी शिया समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किए और इजरायल के खिलाफ नारेबाजी की।वहीं जम्मू-कश्मीर के करगिल में 29 सितंबर को बंद का आयोजन किया गया। बच्चे, महिलाएं और युवक नसरल्लाह का पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे। आगा सैयद हसन ने कहा कि हसन नसरल्लाह की कमी खलेगी। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन का आजाद होना चाहिए और इस आजादी के लिए हजार नसरल्लाह पैदा हो जाएंगे।
उमर अब्दुल्लाह का कहना है कि भारत सरकार को भी इजरायल पर युद्ध रोकने का दबाव बनाना चाहिए। वहीं महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर लेबनान और गाजा के समर्थन में पोस्ट किए। बीजेपी ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लेकर कहा कि वह हिंसा का समर्थन कर रहे हैं। बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, उमर और मुफ्ती हिंसा का समर्थन करते हैं। अगर वे शांति के पक्ष में हैं तो कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के वक्त क्यों आतंकियों का समर्थन कर रहे थे।
1st October, 2024