यूरीड मीडिया- भारत ने 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। इसी दिन देश की स्वतंत्रता के लिए कई सेनानियों ने अपनी जान गवां दी थी। लेकिन कई बातें ऐसी भी थी जिनके बारे में बेहद कम लोग जानते हैं। आइए इस आजादी के दिवस पर 15 अगस्त से जुड़ी रोचक बातों को जान लेते हैं।
1- क्या आप इस बात से अवगत हैं कि भले ही देश की आजादी के लिए आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था लेकिन जब 15 अगस्त को भारत को आजादी मिली तो उसके जश्न में बापू शामिल नहीं थे।
2- आजादी के जश्न के दिन महात्मा गांधी बंगाल में हिंदू और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे।
3- जब महात्मा गांधी को आजादी के जश्न में शामिल होने के लिए पंडित नेहरू और सरदार पटेल ने न्यौता भेजा तो गांधी जी ने जवाब दिया कि जब कलकत्ता में हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे की जान ले रहे हैं तो मैं जश्न में कैसे आ सकता हूं? मैं दंगा रोकने के लिए अपनी जान दे दूंगा।
4- जब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण ' ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' को पूरी दुनिया ने मध्य रात्रि में सुना था, उस दिन महात्मा गांधी 9 बजे ही सोने चले गए थे।
5- हर साल स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं लेकिन 1947 में ऐसा नहीं हुआ था। नेहरू ने 1947 में 16 अगस्त को झंडा फहराया था।
6- भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण 15 अगस्त नहीं हुआ था। बल्कि इसका निर्धारण 17 अगस्त को किया गया था।
7- आजादी के बाद देश का कोई राष्ट्रगान नहीं था। जन-गण-मन को 1950 में ही भारत के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया।
8- हमारे देश के अलावा साउथ कोरिया, ब्रिटेन और फ्रांस भी 15 अगस्त की तारीख को ही हुआ था।
9- 15 अगस्त को ही आजादी के सेनानी महर्षि अरबिंदो घोष का जन्म हुआ था।
10- 1950 में 15 अगस्त का ही दिन था जब असम में भूकंप आया था। यह भूकंप इतना भीषण था कि असम में करीब 1,500 से 3,000 लोगों की मौत हो गई थी।
1- क्या आप इस बात से अवगत हैं कि भले ही देश की आजादी के लिए आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था लेकिन जब 15 अगस्त को भारत को आजादी मिली तो उसके जश्न में बापू शामिल नहीं थे।
2- आजादी के जश्न के दिन महात्मा गांधी बंगाल में हिंदू और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे।
3- जब महात्मा गांधी को आजादी के जश्न में शामिल होने के लिए पंडित नेहरू और सरदार पटेल ने न्यौता भेजा तो गांधी जी ने जवाब दिया कि जब कलकत्ता में हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे की जान ले रहे हैं तो मैं जश्न में कैसे आ सकता हूं? मैं दंगा रोकने के लिए अपनी जान दे दूंगा।
4- जब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण ' ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' को पूरी दुनिया ने मध्य रात्रि में सुना था, उस दिन महात्मा गांधी 9 बजे ही सोने चले गए थे।
5- हर साल स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं लेकिन 1947 में ऐसा नहीं हुआ था। नेहरू ने 1947 में 16 अगस्त को झंडा फहराया था।
6- भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण 15 अगस्त नहीं हुआ था। बल्कि इसका निर्धारण 17 अगस्त को किया गया था।
7- आजादी के बाद देश का कोई राष्ट्रगान नहीं था। जन-गण-मन को 1950 में ही भारत के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया।
8- हमारे देश के अलावा साउथ कोरिया, ब्रिटेन और फ्रांस भी 15 अगस्त की तारीख को ही हुआ था।
9- 15 अगस्त को ही आजादी के सेनानी महर्षि अरबिंदो घोष का जन्म हुआ था।
10- 1950 में 15 अगस्त का ही दिन था जब असम में भूकंप आया था। यह भूकंप इतना भीषण था कि असम में करीब 1,500 से 3,000 लोगों की मौत हो गई थी।
30th July, 2024