यूरीड मीडिया- उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से वार्ता के दौरान सीएम ने यूपी विधानसभा में 26 साल पुराना वाकया याद किया। सीएम ने कहा कि यही वो सदन है जहां पहले मारपीट होती थी।
सीएम ने कहा कि बीते साढ़े छः साल से हमारी सरकार चर्चा-परिचर्चा को आगे बढ़ाने में नई सफलता हासिल की है। पिछले 6.5 सालों में कार्यवाही जिस गरिमापूर्ण तरीके से लोकतंत्र की सच्ची भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए आगे बढ़ी है, वह लोगों के लिए कौतूहल और आश्चर्य का विषय बना हआ है। क्योंकि यह वो सदन था, जहां एक बार मारपीट भी हुई थी।
उन्होंने कहा कि सद की गरिमा सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को बनाए रखना है। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। सभी लोग पूरी तैयार के साथ सदन में मौजूद रहेंगे। मुझे भरोसा है कि विपक्षी दलों के नेता भी सदन की कार्यवाही को चलाने में योगदान देंगे।
अनुपूरक बजट भी लाएगी सरकार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'इस शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट के साथ ही विधायी कार्य जो लंबित है वो पूरे होंगे। मेरी सभी से अपील है कि जिस गरिमापूर्ण तरीके से उत्तर प्रदेश विधानमंडल देश में वर्तमान में चर्चा में है, उस गरिमा को बनाए रखने की जिम्मेदारी केवल सत्तापक्ष की नहीं बल्कि विपक्ष की भी है। विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले हर प्रश्न का जवाब देने के लिए सरकार तैयार है।'
क्या है 26 साल पुराना वाकया ?
22 अक्टूबर 1997 को यूपी विधानसभा में जमकर जूते चले थे। सदस्यों ने एक दूसरे पर माइक तक फेंकी जिसमें कई लोग घायल हुए थे। जिस दिन यह हिंसा हुई उस दिन भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे कल्याण सिंह को सदन में विश्वास मत साबित करना था।

आरएलडी और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने प्रतीकात्मक विरोध किया
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले आरएलडी और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने प्रतीकात्मक विरोध किया। सपा के विधायक ज़ाहिद बेग साइकिल से विधानसभा पहुँचे थे। उन्होंने योगी सरकार की नीतियों का काफ़ी विरोध किया। बेग ने कहा कि सदन के भीतर मोबाइल बैन करना सरकार का सही कदम नहीं है।
28th November, 2023